हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का राज बदल गया। एक बार फिर जनता ने रिवाज कायम रखते हुए पाँच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज बरकरार रखा और बीजेपी के 8 कैबिनेट मिनिस्टर सहित नौवें मंत्री रहे महेंद्र सिंह को अपने बेटे की साख नहीं बचा पाये, अपने ही घरों में करारी हार झेलने को सरकार के मंत्री विवश हो गये।

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ibex news ,शिमला।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का राज बदल गया। एक बार फिर जनता ने रिवाज कायम रखते हुए पाँच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज बरकरार रखा। हर चुनाव की तरह इस बार भी सत्ता पलट गई भाजपा चुनाव हार गईऔर कांग्रेस सत्ता पर क़ाबिज़ होगी ।कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। कांग्रेस 40 सीटें जीत चुकी है।

वहीं, भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई। 2017 के मुकाबले उसे 19 सीटों का नुकसान हुआ। 3 सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की है। आप का खाता तक नहीं खुल पाया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नतीजों के बाद इस्तीफा दे दिया। इधर, कांग्रेस ने नई सरकार के गठन के लिए शुक्रवार को शिमला में निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है बताते है कि कांग्रेस सीएम और डिप्टी सीएम के फ़ार्मूले पर काम कर रही है।

हिमाचल में हर चुनाव में 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का रिकॉर्ड है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्री अपने घरों में ढेर हो हुए ।चुनाव हारने वाले मंत्रियों में सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं। जयराम ठाकुर की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र सिंह भी अपने बेटे की सीट नहीं बचा पाये।

जय राम ठाकुर के अलावा बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाये। जयराम सरकार के मंत्रियों को लेकर लोगों में जबर्दस्ती नाराजगी रही या अपने साशनकाल में ऐसे मंत्रियों ने अपनी जनता से दूरी का ख़ामियाज़ा चखा।ये पानी की तरह इसलिए भी क्लियर माना जा रहा है लोगों के काम और मुद्दे ज्यों के त्यों रहे। जनता कि ये शिकायत रही कि सरकार के कई मंत्रियों की ऐर्रोगंस से उनतक पहुंचना बेहद मुश्किल रहा। उनके जरूरी काम भी ये मंत्री नहीं करवाते थे। वर्क फ्रंट पर भी इन मंत्रियों की परफार्मेंस बेहद खराब रही अपनों को ख़ास ओहदों से नवाजने और विरोधियों को पटखनी देने में एनर्जी बहाते रहे और कोविड ने भी बाक़ी खेल ख़राब किया।

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