हिमाचल में डीज़ल पर वेट की दरें बढ़ाने से मासिक तौर पर क़रीब 50 करोड की आय अर्जित होगी। अभी इस वित्तीय बोझ को हिमाचल की जनता की जेब पर डाका जरूर माना जा रहा है। मगर सरकार का ये कड़ा रूख पड़ौसी राज्यों को सबक़।पंजाब , हरियाणा,चंडीगढ़ में वर्तमान में हिमाचल से 9₹डीज़ल महँगा बिकता हैं। लिहाज़ा हिमाचल के पेट्रोल पंपों पर से पड़ौसी धर्म खूब अच्छे से निभ रहा था। अवैध तौर पर भी खूब बिक्री थीं।

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल सरकार में मंत्रिमंडल के विस्तार और सीपीएस की ताजपोशी से आज ऐतिहासिक दिन रहा हैं। इसके साथ ही अपने इरादों को मूर्त रूप देने के लिये सुखविंदर सिंह सुक्खु का पहला बड़ा कदम ये भी माना जा रहा है कि कांग्रेस की दस गारंटियों को पूरा करने के लिए सरकारी ख़जाने की ख़ाली पड़ी वितीय पोटली को भरने के लिए पहल शुरू कर दी हैं।

कांग्रेस सरकार ने डीजल पर वैट की दरें बढ़ा दी है जिसके कारण आज डीजल 3.01 रुपए महंगा हो गया है।

इससे सरकार को मासिक तौर पर 50 करोड की आय अर्जित होगी। अभी इस वित्तीय बोझ को हिमाचल की जनता की जेब पर डाका जरूर माना जा रहा है। मगर सरकार का ये कड़ा रूख पड़ौसी राज्यों को सबक़ सिखाना हैं।पंजाब , हरियाणा,चंडीगढ़ में वर्तमान में हिमाचल से क़रीब9₹डीज़ल महँगा बिकता हैं। लिहाज़ा हिमाचल के पेट्रोल पंपों पर से पड़ौसी धर्म खूब अच्छे से निभ रहा था। अवैध तौर पर भी खूब बिक्री थीं। सूत्र बताते है कि नई सरकार को वित्तीय विभाग ने ये तर्क दिया की डीज़ल की इलीगल ट्रैफ़िकिंग को वेट दरें बढ़ाकर रोका जा सकता हैं। ये बड़ा कदम सरकार के ख़ाली ख़ज़ाने के लिए बड़ी पहल इसलिए कही जा रही है कि दस गारंटियों में से एक गारंटी कि हर महिला का खाते में 1500 रूपये देने जाने के लिए ये कड़वे घूँट आम जनता को अमृत बनकर पीना होगा। इससे प्रदेश का पैसा प्रदेश में ही रहेगा यानी आम आदमी का पैसा आम आदमी को मिलेगा।


आज से पहले डीजल पर प्रदेश सरकार वैट 4.40 रुपए लेती थी पर सरकार ने आज से वैट की दरों में बढ़ोतरी करने के बाद वैट 7.40 रुपए कर दिया है, इसके कारण डीजल की कीमत हिमाचल प्रदेश में अब लगभग 86रुपए हो चुकी है।हालाँकि विपक्ष ने सरकार को मामले पर आड़े हाथों लिया है कि
जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तो प्रचार करती थी की भाजपा सरकार को डीजल सस्ता करना चाहिए पर आज सत्ता में बैठते ही कांग्रेस ने अपनी बातों से विपरीत कार्य करना शुरू कर दिया है।
डीजल का बढ़ना यानी माल भाड़े में बढ़ोतरी और महंगाई को न्योता देना है।

बीजेपी का एटॉप है कि कांग्रेस पार्टी जब से सत्तासीन हुई है तब से हिमाचल प्रदेश में कुप्रबंधन का दौर चल रहा है, वर्तमान सरकार पर 74622 करोड का कर्ज है और यह सरकार 3000 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेने की बात कर रही है इसको लेकर विधानसभा सत्र के दौरान एक बिल भी पारित किया गया है।
सरकार एफआरबीएम संशोधन विधेयक के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 6% लोन लेने जा रही है यह दर इससे पहले 4% थी।
हिमाचल प्रदेश में दो बड़े सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं इसमें अंबुजा और एसीसी सीमेंट प्लांट दोनों आते हैं , इन प्लांट के बंद होने से हिमाचल के राज्य कोश को काफी घाटा हो रहा है। अंबुजा सीमेंट प्लांट के बंद होने से प्रति माह 68 करोड और एसीसी सीमेंट प्लांट बंद होने से प्रतिमा 50 करोड का राज्य कोष को घाटा हो रहा है।
प्रदेश सरकार को इस मुद्दे यह समाधान के लिए काम करना चाहिए।

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हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंत्रियों की शपथ से पहले जनता को महंगे डीजल का झटका दिया।प्रदेश में शनिवार रात से डीजल 3 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। कर एवं आबकारी विभाग ने डीजल पर लगने वाले वैट को शनिवार रात से बढ़ा दिया है। डीजल पर प्रति लीटर 4.40 रुपये लगने वाले वैट को बढ़ाकर ₹7.40 कर दिया है। शिमला में डीजल 82.92 रुपये प्रति लीटर से अब 85.93 रुपये प्रति लीटर हो गया है। 

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