मनजीत नेगी/IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रखी जाएगी। मुख्यमंत्री और कांग्रेस राष्ट्रीय आलाकमान का आभार जताते हुए किन्नौर के विधायक और पहली मर्तबा कैबिनेट मंत्री बने जगत सिंह नेगी ने कहा कि जो दायित्व सौंपा गया है उसके लिये सभी के स्नेह और गाइडेंस से पूरे करने के प्रयास होंगे।
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उन्होंने कहा कि देश में किन्नौर शायद ऐसा ज़िला है जहां से कम संसाधनों के बावजूद लोग हर क्षेत्र में बेहतर सेवाएँ प्रदान करते रहे हैं और अहम भूमिका निभा रहे हैं। विश्वास दिलाता हूँ कि सभी की उम्मीदों पर खड़ा उतरूँगा।मुख्यातिथि बतौर शिरकत करते हुए इस मौके पर उन्हें लोगों ने सिर आँखों पर बैठाया।
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वे मंत्री पद पर पहले दिन कार्यभार सँभालने व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक लेने के बाद देर साँय शिमला में किन्नौर वेलफेयर सोसाइटी के प्रीतिभोज समारोह में पहुँचे थे। उनका भव्य स्वागत हुआ। सोसाइटी ने उनकी सफलता पर पीठ थपथपाई।
इससे पहले सेवानिवृत्त आईएएस सुभाष नेगी ने किन्नौर से सीमित संसाधनों के विपरीत उच्चपदों पर पहुँचे अधिकारियों के कार्यकाल को याद किया। कहा कि आज भी युवा अच्छी सेवाएँ दे रहे है। आप किन्नौर के नायक बनकर उभरे है और सभी के लिए प्रेरणा होंगे। उन्होंने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए सफलता की ऊँचाइयों को छूने के लिए सभी किन्नौरवासियों की और से शुभकामनाएँ दी। इस दौरान संयुक्त सचिव सीएम ज्ञान सागर नेगी ने वोट ऑफ़ थैंक्स किया।मंत्री जगत सिंह नेगी, उनकी धर्मपत्नी, हिमाचल प्रदेश कंज्यूमर एंड रीड्रेसल फ़ोर्म के चेयरमैन आईएस मेहता , सोसाइटी अध्यक्ष डीटी नेगी के साथ अन्य गणमान्यों का आभार जताया।डीटी नेगी को इस मौके पर जन्मदिवस की भी शुभकामनाएँ दी।
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वहीं सोसाइटी के पदाधिकारी ने राजस्व, बाग़वानी, जनजाति ओविकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि
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पूर्व विधायक हिमाचल प्रदेश विधानसभा ज्ञान सिंह नेगी के सुपुत्र जगत सिंह नेगी का जन्म 2 फरवरी, 1957 को किन्नौर जिला के कल्पा में हुआ। उन्होंने बी.ए.एल.एल.बी. की शिक्षा डी.ए.वी. महाविद्यालय चण्डीगढ़ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है। उनका विवाह 01 जुलाई, 1982 को श्रीमती सुशीला नेगी से हुआ। उनका एक सुपुत्र और एक सुुपुत्री है।
वह वर्ष 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह वर्ष 1996 से 2011 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह वर्ष 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 1987 से 1992 तक पंचायत समिति पूह के अध्यक्ष तथा 1996 से 1997 तक हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे हैं।
श्री जगत सिंह नेगी 27 मई, 1995 को विधानसभा उप-चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। वह जून, 2003 तथा 2012 में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए। वह 18 अप्रैल, 2005 से 18 अगस्त, 2005 तक संसदीय सचिव रहे। जनवरी 2013 से मार्च 2013 तक अधीनस्थ विधायन समिति के अध्यक्ष तथा 12 मार्च, 2013 से 21 दिसम्बर, 2017 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।
दिसम्बर, 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं सामान्य विकास समिति के सदस्य रहे तथा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक भी रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए और मंत्री बनाए गए।