पांगी में जुकारू मेले की धूम। 9वें दिन मिंधल गांव में मनाया नवालू मेला,27 किलोमीटर दूर पैदल चलकर आया माँ का मुख्य चेला।मेले के दिन पहले सदियों से बली प्रथा की रिवाज थी अब केवल नारियल व अन्य सामग्री चढ़ाई जाती है। 

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IBEX NEWS,शिमला।

जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में इन दिनों 12दिवसीय जुकारू उत्सव के पर्व की धूम मची हैं।9वें दिन नवालू मेले पर गांव वासियों ने अपने-अपने घरों में लाल मिट्टी से लिपाई-पुताई की और अपने कुल देवी के लिए भोग तैयार करके मंदिर में पूजा अर्चना की।

मंदिर में पूजा अर्चना के बाद ढोल-नगाड़े के साथ पवित्र पंड़ाल में मेले का आयोजन हुआ ।

विशेष ये कि नौवें दिन नौ ग्रह की पूजा मिंधल गांव में होती हैं और विश्व कल्याण के लिए पूजा अर्चना की जाती हैं।

मिंधल माता का मुख्य चेला या पुजारी जिसे स्थानीय भाषा में ठाठड़ी सुबह करीब 27 किलोमीटर पैदल चलकर मिंध गांव पहुंचा ।किलाड़ के थमोह निवासी करतार सिंह ठीठाड है, नवालू के दिन अपने घर में पूजा अर्चना करने के बाद मिंधल माता  मंदिर से चुन्नी व चोणू लगाकर मिंधल मंदिर पहुँचे और फिर पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता हैं।

जुकारू उत्सव में सदियों से मिंधल गांव में मेले के दिन बली प्रथा देने का रिवाज था, लेकिन सरकार के आदेशों के बाद अब इस मेले के दिन केवल नारियल व अन्य सामग्री चढ़ाई जाती है। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए मिंधल मंदिर के पुजारी भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि हर साल के भांति इस वर्ष भी मिंधल गांव में नवालू मेले का आयोजन किया जाता हैं। ये सदियों पुरानी परंपरा है और आज भी जीवित है।

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