IBEX NEWS,शिमला।
कानून तोड़कर ट्यूबवेल लगाने वालों को अब जेल नहीं होगी। इस संबंध में लागू कानून में पांच साल जेल की सजा का प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। अब अवहेलना की अवधि में प्रतिदिन पांच हजार रुपये के हिसाब से अधिकतम दस लाख तक जुर्माना लगेगा। यह प्रावधान उद्योगों की स्थापना के दौरान कानून तोड़कर ट्यूबवेल लगाने के दृष्टिगत किया गया है। किसानों-बागवानों और हैंडपंपों को इससे बाहर रखा गया है। यानी, इन पर दस लाख रुपये का कानूनी प्रावधान लागू नहीं होगा। सदन में इस विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव करने से पहले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ट्यूबवेल लगाने के लिए जो आवेदन करेगा, उसे 60 दिन में अनुमति नहीं दी तो यह डीम्ड मंजूरी मानी जाएगी।
विपक्ष की ओर से चर्चा के दौरान सजा घटाने पर आपत्ति करने के बाद इस विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। गुरुवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में इसके लिए हिमाचल प्रदेश भूगर्भ जल विकास और प्रबंधन का विनियमन और नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 को सदन में पारित करने का प्रस्ताव किया। इसके लिए 2005 के अधिनियम की धारा- 21 में संशोधन का प्रस्ताव रखा। इस पर सदन में चर्चा हुई। चुराह के भाजपा विधायक हंसराज ने कहा कि जुर्माना बढ़ाया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से भारत सरकार भी आशंकित है। प्रभावशाली लोग इससे दोहन करेंगे। इसमें सजा का प्रावधान होना चाहिए। उद्योगपतियों के लिए 10 लाख देना मुश्किल नहीं है। इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।