नगर निगम चुनाव के लिए शहर के छह वार्डों में पूरे शिमला की नजरें हैं। ये वार्ड ऐसे हैं जहां प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन हर चुनाव में कांटे की टक्कर रहती है और चंद वोट से हार और जीत तय होती है।

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IBEX NEWS, शिमला ।

नगर निगम चुनाव के लिए शहर के छह वार्डों में पूरे शिमला की नजरें हैं। ये वार्ड ऐसे हैं जहां प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन हर चुनाव में कांटे की टक्कर रहती है और चंद वोट से हार और जीत तय होती है।

इस सूची में पहला नाम शहर के नाभा वार्ड का है। इस वार्ड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही है।साल 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सिमी नंदा महज 27 वोटों से जीती थीं। इस बार फिर से सिमी मैदान में हैं। रोचक यह है कि पिछला चुनाव हारी भाजपा की हेमा भी इस बार फिर उनके सामने हैं। इस वार्ड में साल 2012 का चुनाव इससे भी ज्यादा टक्कर का था।उस समय कांग्रेस के शशि शेखर ने महज दो वोटों से भाजपा के नवीन को हराकर चुनाव जीता था। इस बार भी यहां कांटे की टक्कर होने के आसार हैं। इस टक्कर में जीत किसे मिलती है इस पर सबकी नजरें हैं।

जाखू वार्ड में भी जीत और हार का अंतर चंद वोटों में रहता है। साल 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना धवन ने महज 16 वोटों से जीत हासिल की थी। 2012 में इसी वार्ड में भाजपा के मनोज कुठियाला ने सात वोटों से जीत हासिल की थी।

ऐसा ही रोचक मुकाबला मल्याणा में भी देखने को मिला है। पिछला चुनाव कांग्रेस के कुलदीप ठाकुर ने 19 वोट से जीता था। साल 2012 में भी कुलदीप विजेता रहे लेकिन उस समय भी मुकाबला कांटे का रहा। कुलदीप 56 वोटों से जीते थे।

शहर के भराड़ी वार्ड में पिछला चुनाव काफी रोचक रहा था। कांग्रेस की तनुजा चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार मीना चौहान को पांच वोट से हराया था। इस बार फिर मीना भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं उनके सामने कांग्रेस की ओर से तनुजा चौधरी के पति एवं पूर्व पार्षद जितेंद्र चौधरी मैदान में हैं।

रामबाजार में भी कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर रही है। साल 2012 में कांग्रेस को 49 तो 2017 में 52 वोटों से जीत मिली। दोनों बार सुषमा कुठियाला ने चुनाव जीता। वह तीसरी बार फिर मैदान में हैं।

यहां फिर भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है। कैथू में भी इस बार कांटे की टक्कर है। यहां पिछला चुनाव भाजपा के सुनील धर 26 वोट से जीते थे।

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