राजौरी में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के प्रमोद नेगी दो साल से देश की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स में तैनात थे। करीब 12:30 बजे के आसपास उनकी शहादत की खबर आई और आज शाम तक पार्थिव देह हिमाचल पहुँच सकती है। पूरा गिरिपार इलाका गम में डूब गया।

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राजोरी में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के प्रमोद नेगी दो साल से देश की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स में तैनात थे। करीब 12:30 बजे के आसपास उनकी शहादत की खबर आई। इसकी जानकारी सेना के अधिकारियों ने परिजनों को दी। शहादत की खबर मिलते ही पूरा गिरिपार इलाका गम में डूब गया।आज साँय तक उनका पार्थिव देव हिमाचल उनके पैतृक स्थान पहुँचने की उम्मीद है।

शहीद प्रमोद अपने पीछे माता तारा देवी, पिता देवेंद्र नेगी, भाई नितेश नेगी (24) जो भारतीय सेना में तैनात हैं। 28 साल की बड़ी बहन और अभी किसी की भी शादी नहीं हुई थी।

राजोरी में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के प्रमोद नेगी दो साल से देश की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स में तैनात थे।


बेटे की शहादत से माता पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद के पिता देवेंद्र नेगी बिजली बोर्ड में लाइन मैन के पद पर तैनात हैं, जबकि मां गृहिणी हैं।

प्रमोद नेगी 2017 में 9 पैरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। वह दो साल से भारत की सुरक्षा करने वाले स्पेशल फोर्स में तैनात थे। वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एक सर्च ऑपरेशन टीम का हिस्सा थे। उन्हें स्पेशल फोर्स में रेड कार्पेट से भी सम्मानित किया गया था।सिरमौर का वीर सपूत प्रमोद नेगी दिसंबर में घर आया था। बताया जा रहा है कि प्रमोद नेगी ने छह जुलाई को घर लौटना था। घर के किसी शादी समारोह के लिए उनकी छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी।

बताया जा रहा है कि शहीद की पार्थिव देह शनिवार शाम तक उनके पैतृक गांव शिलाई पहुंचेगी। शहीद की शहादत से हर आंख नम है। समूचे जिला सिरमौर में शोक की लहर दौड़ गई है।

पूरा परिवार गम में डूबा है।

मिशन पर जाने से कुछ घंटे पहले शहीद बेटे प्रमोद नेगी ने फोन पर अपनी माता से बात की थी। प्रमोद ने कहा था कि जरूरी मिशन पर हूं।10 दिन मोबाइल बंद रहे चिंता न करना। जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा। गुरुवार रात करीब साढ़े 11 बजे पांच से सात मिनट की बातचीत में प्रमोद ने अपने माता-पिता का हालचाल पूछा और पिता से भी कुछ देर बात की। अगले ही दिन शुक्रवार साढ़े 12 बजे के आसपास परिजनों को बेटे की शहादत की खबर मिली तो सुध-बुध खो बैठे। माता तारा देवी और पिता देवेंद्र नेगी को विश्वास ही नहीं हुआ कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं है, जिसकी आवाज रात को मोबाइल पर कानों में गूंज रही थी। शहादत से माता पिता का रो-रो कर बुरा हाल है।

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