बाग़वानी मंत्री की दो टूक, वजन से ही बिकेगा सेब, मनमानी करने वाले आढ़तियों पर नकेल कसने की तैयारी, कहा एक तो लाइसेंस रद्द होंगे दूसरा हिमाचल के अन्य और बाहर के बड़े ऑढ़तियों को लाइसेंस देगी सरकार।

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IBEX NEWS, शिमला।

हिमाचल के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने दो टूक कहा है कि सेब कानून के हिसाब से ही बिकेगा।देश का कानून कहता है कि सेब या कोई भी किसान बागवान के उत्पाद नंबर और वजन के हिसाब से बेचा जाता है ।मार्केट एक ही नियम से चलता है।सेब वजन के हिसाब से ही बिकता रहेगा, क्योंकि यह निर्णय आढ़तियों सहित बागवानों से ही सात से आठ दौर की चर्चा के बाद लिया गया है। इन आढ़तियों की माँग को हमने माना अब विरोध क्या रहें हैं। APMC एक्ट में भी सेब को वजन के हिसाब से बेचने का प्रावधान है। इसी मांग को लेकर बागवान कई सालों से सड़कों पर लड़ाई लड़ चुके हैं।आढ़ती अपनी सहूलियत के हिसाब से काम कर रहे हैं।

जो आढ़ती किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचेंगे, उनके चालान किए जाए। यदि आढ़ती कानून मानने में आनाकानी करते हैं तो इनके लाइसेंस रद्द किए जाए। सेब सीजन के लिए सरकार बाहर से भी आढ़ती लाने को तैयार है।हिमाचल से अन्य 400 आढ़ती लाइसेंस की माँग कर रहे हैं। उन्हें देंगे। जो आढ़ती सरकारी आदेशों को मानने में आनाकानी कर रहे है ।ऐसे कई बड़े आढ़तियों ने एक तो मंडी में ज़रूरत से ज़्यादा जगह घेरी है इस पर कारवाई होगी।जबकि लाइंसेस फ़ीस सबकी बराबर है। जिन विभागीय कर्मचारियों से इन लोगों ने झगड़े किए है उस पर भी सरकार सख़्ती से पेश आयेगी।

पराला मंडी में 25cr से तैयार मंडी में इनको जगह देने को सरकार तैयार है। परवानु और शिलारू में भी मंडी तैयार जहां इन्हें जगह ऑफर की है।इनकी दिक़्क़त दूर करने सरकार बैठी है।एकतरफ़ा निर्णय सही नहीं।

APMC को मंडी में पता करने भेजा हैं कि किस प्रकार सेब बिक रहा है बीते कल सेब मार्केट में सेब नहीं बिका।मंडी को बंद रखना निंदनीय है। बाग़वानों को बेवजह तंग किया जा रहा है।

एचपीएमसी को भी सेब बेचे जा सकते हैं।

गौतरलब है कि बीती शाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के आश्वासन के बाद आढ़तियों ने अपनी हड़ताल खत्म की थी। तब प्रदेश आढ़त एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने यह किसानों पर छोड़ दिया है कि वह अपना सेब किलो के हिसाब से या गड्ड में बेचना चाहते हैं।

किलो के हिसाब से सेब बेचने से बागवानों को फायदा हो रहा है। इसे देखते हुए बागवानी मंत्री भी इस नई व्यवस्था को चालू रखना चाहते हैं, क्योंकि सुक्खू सरकार ने पहली बार ही सेब को किलो के हिसाब से बेचने का फैसला लिया है।

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