IBEX NEWS,शिमला।
नंदलाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत करवाया कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को 5097मेगावाट की पांच परियोजनाएं आबंटित की हैं। सभी आबंटितपरियोजनाएं दिबांग नदी की सहायक नदियों में अवस्थित हैं। आबंटितपरियोजनाएं 3097 मेगावाट एटालिन, 680 मेगावाट अटुनली, 500 मेगावाट एमिनी, 420 मेगावाट अमुलिन और 400 मेगावाट मिहुमडनहैं।
नंद लाल शर्मा ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्ननिजी विद्युत डेवलपर्स के साथ समझौता करारों को समाप्त कर दियाहै क्योंकि उन्होंने आबंटित परियोजनाओं को निष्पादित करने में कमरुचि दशाई। जो परियोजनाएं निजी डेवलपर्स से वापस ली गईपरियोजनाओं को अब केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सौंपाजा रहा है।
शर्मा ने कहा कि 3097 मेगावाट एटालिन और 680 मेगावाटअटुनली को पहले निजी डेवल्पर्स को आबंटित किया गया था परंतुदोनों परियोजनाओं में कोई भौतिक प्रगति नहीं होने के कारण अब यह परियोजनाएं एसजेवीएन को आबंटित की गई हैं। एसजेवीएन के अलावा अन्य केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों जैसे नीपको, एनएचपीसी और टीएचडीसी को भी परियोजनाएं आबंटित की गई है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे अवगत करवाया कि अरुणाचल प्रदेशसरकार ने वन बेसिन वन डेवलपर के उनके प्रस्ताव पर विचार किया हैऔर एसजेवीएन को सभी 5 परियोजनाएं दिबांग बेसिन में आबंटित कीहैं, जिसके परिणामस्वरूप संसाधनों का इष्टतम उपयोग होगा औरपरियोजनाएं समय पर पूरी होंगी। इन परियोजनाओं के विकास में50000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश शामिल होगा, जबकि इनपरियोजनाओं के निर्माण से प्रति वर्ष लगभग 1.1 मिलियन टन कार्बनउत्सर्जन में कमी आएगी।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि इन परियोजनाओं के निष्पादनके लिए करार पर जल्द ही अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, श्रीपेमा खांडू और माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री, श्री आर.के. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
एसजेवीएन का पोर्टफोलियो अब 55527 मेगावाट है। कंपनी वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनने के अपने साझा विजन को हासिल करने के लिए तीव्रता से अग्रसर है। इस साझा विजन को वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पन्न करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।