IBEX NEWS,शिमला।
पिछले कई दिनों से वन विभाग के मिस्ट चैंबर, खालीनी और चक्कर कालोनी में हो रहे भूस्खलन से वाहनों और सरकारी वाहनों की भारी क्षति पर हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने गहरा दुःख व्यक्त किया है | 13 अगस्त को हुई ताज़ा बारिश से पुनः अनेक वाहनों व सरकारी भवनों को न केवल क्षति पहुँची है बल्कि वन विभाग की खालीनी और चक्कर कालोनी के अनेक भवन खतरे में है | हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने मिस्ट चैंबर खलीनी और चक्कर में हुए भूस्खलन के लिए उपयुक्त बजट मुहैया न करवा कर नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है | हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष ने बताया है कि यह भूस्खलन प्राकृतिक आपदा से अधिक विभागीय अनदेखी के कारण हुआ है | बादल ने बताया कि मिस्ट चैंबर में लगातार तीन-चार बार हुए लैंड स्लाईड का मुख्य कारण शिमला ढली बाईपास पर मिस्ट चैंबर के ठीक ऊपर लगे डंगे के कार्य के दौरान खुदाई के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा मलबे को वहां से न उठाने के कारण सारा मलबा मिस्ट चैमबर कालोनी के अनेक वाहनों, भवनों को क्षति पहुंचा चुका है | एसोसिएशन ने गत वर्ष भी विभाग को इस मलबे के फेंके जाने को लेकर विभाग को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया था और इस मलबे को रोंकने के लिए डंगा लगाने का आग्रह किया गया था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया | इसी तरह गत वर्ष ख्लीनी कालोनी में भूमि कटाव की वजह से हुए भूस्खलन से सरकारी कालोनी के भवनों के खतरे में आने के साथ साथ इन भवनों के नीचे अनेक निजी मकानों के लिए भी ख़तरा बना हुआ है | बादल ने बताया कि वो गत वर्ष से वन विभाग को इस भवन को बचाने के लिए डंगा लगाने का आग्रह कर चुके हैं और तत्कालीन वन बल मुखिया, अजय श्रीवास्तव एवं तत्कालीन एस्टेट अधिकारी आर के गुप्ता द्वारा इसके लिए उपयुक्त बजट मुहैया करवाने के आदेश भी दे दिये गए थे | इस के बावजूद भी इस कालोनी को बचाने के लिए बजट एक साल बाद भी मुहैया नहीं करवाया गया है, जबकि इस बार ताज़ा भूस्खलन से ख़तरा और बढ़ गया है | बादल ने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्होंने हाल ही में प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार को पत्र लिख कर एवं उनसे व्यक्तिगत तौर पर मुलाक़ात कर बजट मुहैया करवाने और डंगे का तुरंत कार्य शुरू करने का आग्रह किया था, लेकिन विभाग द्वारा इसे गंभीरता से न लिए जाने के कारण आज और बड़े नुक्सान का सामना करना पडा है |
गौरतलब है कि एस्टेट अधिकारी और वन मंडल अधिकारी शिमला द्वारा इस क्षति के बारे में मुख्यालय को सूचित भी करवाया है जिसमें एक करोड़ से भी अधिक की क्षति आंकी गयी है, लेकिन विभाग ने इस सम्बन्ध में न तो कोई ठोस कदम उठाए गए और न ही बजट मुहैया करवाया गया है, जो कि चिंताजनक है और इससे जान माल का ख़तरा बना हुआ है |
विभाग नहीं जागा तो वन विभाग की तीनों कालोनियों को खतरा
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हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने बताया कि यदि विभाग ने अभी भी इस खतरे को गंभीरता से नहीं लिया तो भविष्य में और बड़ा नुकसान होने की संभावना बनी हुई है | उधर वन विभाग की चक्कर कालोनी में कालोनी में हुए भूस्खलन और सड़क धंसने से कालोनी में अनेक जगह दरारें पड़ी हुई है और कई जगह मलबा गिरा हुआ है, जिसे विभाग द्वारा हटाया तक नहीं गया | छुट-पुट जगहों पर राहत धीमी गति से राहत कार्य ज़रूर हो रहा है | उधर जब इस्सेट ऑफिस शिमला से सपर्क किया गया तो पता चला कि उपयुक्त बजट मुहैया न करवाए जाने के कारण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है |
मिस्ट चैंबर में और पेड़ गिरने की आशंका
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हिमाचल प्रदेश वन विभा मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन बल मुखिया से आग्रह किया है कि वो वन विभाग कालोनी के भवनों पर आए खतरे को गंभीरता से लेते हुए तुरंत बजट मुहैया करवाए और बचाव कार्य को तुरंत एवं तीव्र गति से आरम्भ करने के आदेश दें | उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि वन मंडल शिमला के ठीक पीछे लगे देवदार के पेड़ भवनों के ठीक पीछे हैं और कभी किसी हादसे का कारण बन सकते हैं, इसलिए इन पेड़ों के अकस्मात गिरने से कालोनी में रह रहे लोगों की जान भी जा सकती है, इसलिए इन पेड़ों को तुरंत गिराने की मंजूरी देकर इन्हें गिराने का भी आग्रह किया है |