EXCLUSIVE:शिवमंदिर भूस्खलन हादसे में IGMC में नर्सिंग ड्यूटी बतौर सेक्शन लीडर कार्यरत संतोष का पूरा परिवार बिखर गया।संतोष, बेटे और 2 पोती के शव बरामद हो चुके है मगर पति, बड़ी पोती और बहू अभी नहीं मिले हैं।ड्यूटी से पहले मंदिर में पूरे परिवार के साथ पूजा करने पहुँची थी संतोष।

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होमगार्ड महकमा ग़मगीन,कमांडेंट नविता शर्मा का कहना जाबाज थी संतोष।

शिव मंदिर में सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी।एक शव सुबह निकाला । रात को पहाड़ी से पत्थर गिरने पर अभियान रोकना पड़ा था ।पूरे जोश के साथ जवान मौके पर डटे है….नविता शर्मा कमांडेंट थर्ड बटालियन एचपी

मनजीत नेगी/IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश के शिमला के शिवमंदिर भूस्खलन हादसे में IGMC में नर्सिंग ड्यूटी बतौर सेक्शन लीडर कार्यरत संतोष का पूरा परिवार बिखर गया।संतोष, बेटे और 2पोती के शव बरामद हो चुके है मगर पति, बड़ी पोती और बहू अभी नहीं मिले हैं।ड्यूटी से पहले संतोष सुबह सुबह पूरे परिवार के साथ पूजा करने पहुँची थी और काल के क्रूर शिकंजे से नहीं निकल पाई। संतोष के बेटे और छोटी 2 पोती को बीते कल शिमला थर्ड बटालियन की टीम जो उनके ही महकमे के लोग है मिट्टी में से निकाला तो माहौल ग़मगीन हो गया। हंसमुख मिज़ाज की संतोष को देखकर विभाग के जाबाज सिपाही भी एकबारगी तो बिलख गए। सभी ने एक दूसरे को ढाढ़स सम्भाला और युद्धस्तर पर मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुट गए। पिछले कल उस वक्त भूस्खलन की चपेट में आया, जब मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार लोग आरती कर रहे थे।दूध की खीर का भंडारा होने वाला था और आरती चल रही थी और लोग भक्तिमय माहौल में शिवमयी हुए थे। सावन के अंतिम सोमवार के चलते यहाँ सिलसिलेवार भंडारे चलते हैं और हादसे से एक दिन पहले सैकड़ों लोग यहाँ थे। हादसे वाले दिन खीर का भंडारा था , तैयारियाँ चल रही थीं की एकाएक मंदिर पर एडवांस स्टडी रेलवे ट्रेक की पहाड़ी का सारा मलबा और देवदार के बड़े-बड़े पेड़ आए और मंदिर को तहस-नहस किया। इसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ है।

संतोष ,बेटा और पोती जिनका शव मिला है।

अब तक मंदिर में दबे 11 शव निकाले जा चुके है। मगर, अभी भी 15 से 18 लोगों के अभी भी दबे होने की आशंका है। इन्हें मलबे में दबे 24 घंटे से ज्यादा वक्त बीत गया है। इससे परिजनों की मलबे में दबे लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें भी कम होती जा रही है।

संतोष अपने पति और दो पोतियों के साथ। एक छोटी पोती जा शव मिला है । बड़ी पोती और पति , बहू मलबे में दफन है।
मृतक संतोष की बहन को ढाढ़स बँधाती कमांडेंट नविता शर्मा।

हालांकि हादसे के कुछ घंटे बाद भी दबे हुए लोग फोन करके रेस्क्यू की गुहार लगा रहे थे।शिव मंदिर में दबे लोगों को निकालने के लिए रात में भारी बारिश के बाद रेस्क्यू को रोकना पड़ा था।

हालांकि रात 9 बजे तक रेस्क्यू जारी था। तब तक कुछ और बॉडी भी लोकेट कर दी थी। मगर, पहाड़ी से फिर भारी मात्रा में भूस्खलन के कारण उन्हें नहीं निकाला जा सका।शिमला में आज सुबह से बारिश रुकी है। ऐसे में अब दोबारा रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है।शिव बावड़ी मंदिर से जिन लोगों के शव निकाले गए हैं। आज उनका IGMC शिमला में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।

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प्रदेश में तीन दिन से भारी बारिश ने कहर बरपाया है। इससे पिछले 48 घंटे में लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 52 लोगों की जान गई। करीब दो दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। बीती रात भी प्रदेश के अधिकांश भागों में भारी बरसात हुई है।

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हमारी थर्ड बटालियन टीम ने राजभवन,टूटीकंडी बाइपास के पास गिरे पेड़ों ,मलबे को भी ठिकाने लगाया। जवान पूरी तन्मयता से जुटे है। प्रेसिडेंट अवार्ड से नवाजा गया नरेश और उस जैसे अनेकों जवान के हौसले बुलंद है…संतोष के पूरे परिवार के लिए गहरी सावेंदनाएँ है।

नविता शर्मा कमांडेंट थर्ड बटालियन हिमाचल प्रदेश।

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