PM मोदी ने हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से मची तबाही को देखने के लिए दूसरी बार केंद्रीय टीमें भेजी हैं। दो दिवसीय दौरे के आज पहले दिन केंद्रीय टीमें कांगड़ा और सिरमौर जिले में घूम रही है।

Listen to this article

आपदा से हुए नुकसान को देखकर केंद्रीय टीमें भी दंग है।

IBEX NEWS,शिमला।

देश के प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से इस बरसात में मची तबाही को देखने के लिए अब दूसरी बार केंद्रीय टीमों को भेजा हैं।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदरसिंह सुक्खू ने जी 20शिखर सम्मेलन में रात्रि भोज के दौरान भी पीएम से ख़ासकर यही आग्रह किया था कि आपदा में हिमाचल की मदद करें। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन केंद्रीय टीमें कांगड़ा और सिरमौर जिले में तबाही देख रही हैं। आपदा से हुए नुकसान को देखकर केंद्रीय टीमें भी दंग रह रही है। केंद्रीय टीमें उन प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात कर रही हैं। जिनके आशियानें बिखर गए हैं। यहाँ 24 जून से 27 सितंबर तक 481 लोगों की मौत आपदा से हुई है। मौत का यह आंकड़ा मानसून सीजन का आज तक का सर्वाधिक है।

बीते 5 सालों में संपत्ति को जितना नुकसान नहीं हुआ, कहीं ज्यादा संपत्ति इस बार मानसून के 2 महीनों में बरसात डकार गई। साल 2018 से 2022 तक 5 सालों में कुल मिलाकर 6816.88 करोड़ रुपए की संपत्ति मानसून के दौरान तबाह हुई, जबकि इस बार दो महीने में ही 8671 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह है।

अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय टीम नुकसान की रिपोर्ट तैयार करेगी और केंद्र सरकार को इसकी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर हिमाचल कोकेंद्र से राहत राशि मिलने की उम्मीद पक्की है।

इस बीच हिमाचल विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और 12 हजार करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की मांग को लेकर प्रस्ताव पास किया गया। केंद्रीय टीम का ये दौरा हिमाचल को स्पेशल पैकेज दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।इससे पहले भी केंद्रीय टीम जुलाई में हिमाचल में नुकसान का जायजा ले चुकी है। उस दौरान केंद्रीय टीम ने कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर जिला का दौरा किया था। इस दौरान इन चार जिलों में भारी बरसात के कारण जान माल को भारी नुकसान पहुंचा था।केंद्रीय दल नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को सौंपी मगर अभी तक मिला कुछ नहीं है।स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना हैं कि केंद्रीय टीम सिरमौर और कांगड़ा में तबाही देख रही है।


केंद्रीय टीम ने आज कांगड़ा जिले के कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। केंद्रीय टीम ने भारी बारिश से क्षतिग्रस्त चक्की पुल, ज्वाली सब डिवीजन के अनुही इत्यादि क्षेत्रों में दौरा किया। कांगड़ा के जयसिंहपुर, फतेहपुर इत्यादि क्षेत्रों में अगस्त के आखिरी सप्ताह में खासकर पौंग डैम से पानी छोड़ने से भारी तबाही हुई है।वहीं दूसरी टीम सिरमौर के अलग अलग क्षेत्रों में भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बादल फटने से हुई तबाही को देख रही है। शुक्रवार को एक केंद्रीय टीम मंडी जिला के अलग अलग क्षेत्रों में जाकर तबाही देखेगी, जबकि दूसरी केंद्रीय टीम सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी जाएगी। आपदा से बद्दी में 400 करोड़ से ज्यादा का नुकसान आंका गया है। यहां पर सड़क और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

बॉक्स

इस बार फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से 19 लोगों की जान गई। इसी तरह बादल फटने से 14 की मौत, पानी में डूबने से 42, आसमानी बिजली से 2, आग लगने से 2, स्नेक बाइट से 21, ऊंचाई से गिरने से 50, अन्य कारणों से 27 तथा सड़क दुर्घटना में 188 लोगों की जान गई।सैकड़ों लोगों से उनका आशियाना छीना है। 2931 घर पूरी तरह जमींदोज हुए, जबकि 12264 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। कुल मिलाकर 15 हजार से ज्यादा घरों को बरसात ने नुकसान किया है। 419 दुकानें, 6030 गौशालाएं, और 551 घाट व लेबर शेड भी तबाह हुए हैं।हिमाचल में इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में नॉर्मल से 21 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यही तबाही का बड़ा कारण है। सोलन में नॉर्मल से 71 फीसदी ज्यादा, शिमला व बिलासपुर में 64-64% ज्यादा, कुल्लू में 47%, हमीरपुर 44% और मंडी में नॉर्मल से 44% ज्यादा बारिश हुई है।

WhatsApp Group Join Now