IBEX NEWS,शिमला।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ के लिए आज जिला शिमला के आपदा प्रभावितों को ठियोग के आलू ग्राउंड में 22.81 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजा राशि के रूप में 395 प्रभावित परिवारों को प्रथम किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपये के तौर पर 11.85 करोड़ रुपये तथा अन्य 1840 प्रभावितों को 10.96 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की। आपदा के दौरान जिला शिमला में 395 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 458 कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा है तथा 354 किसानों को पशुधन का नुकसान हुआ है।
इस अवसर पर एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ठियोग अग्निशमन चौकी को स्तरोन्नत करने की घोषणा की तथा कहा कि यहां पर जिला स्तरीय अस्पताल बनाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी, जिसके लिए राज्य सरकार सर्वे करवाएगी। उन्होंने ठियोग अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को जल्द पूरा करने तथा अत्याधुनिक मशीनें लगाने का आश्वासन दिया और कहा कि क्षेत्र के विकास में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अगले वर्ष से सेब की बिक्री यूनिवर्सल कार्टन में ही होगी, ताकि 20 किलो की पेटी में 20 किलो सेब की ही बिक्री हो। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार ने सेब को प्रति किलो की दर से बेचना सुनिश्चित बनाया है, ताकि सेब बागबान लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि पराला मंडी के निर्माण कार्य को जून माह तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सड़क को चौड़ा करने के लिए अभी भी लगभग 10 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसका प्रावधान किया जाएगा तथा इसे भी जून तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेब बागबानों की सुविधा के लिए छैला-कुमारहट्टी सड़क को सीआरआईएफ में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी के माध्यम से मिलने वाले उपकरणों, खाद तथा कीटनाशकों पर अनुदान को बढ़ाया गया है, ताकि बागबानों को यह सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सेब के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक डेढ़ रुपये की बढ़ोतरी की गई तथा सेब का खरीद मूल्य 10.50 से 12 रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों की मदद बिना केंद्र सरकार की सहायता की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार ने प्रदेश में आई आपदा के लिए कोई भी विशेष राहत पैकेज नहीं दिया है। यही नहीं, जब विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर प्रस्ताव आया तो, भाजपा का कोई भी विधायक इसके समर्थन में सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने खर्च कम करके प्रभावित परिवारों की मदद का संकल्प लिया है तथा गरीब व्यक्ति की मदद के लिए नियम भी बदले गए हैं। राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है, जिसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाते हुए 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर को आंशिक क्षति होने पर मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 हजार रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। गौशाला को हुए नुकसान की भरपाई की राशि 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है। कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। इसके साथ ही में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10000 रुपये मासिक किराया देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार बिजली-पानी का कनेक्शन फ्री प्रदान कर रही है और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपये प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान राहत कार्यों की उन्होंने स्वयं दिन-रात निगरानी की तथा अधिकारियों, कर्मचारियों और आम लोगों के सहयोग से 48 घंटे के भीतर सभी आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया गया और 75 हजार से अधिक पर्यटकों व 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इतनी बड़ी आपदा के कारण प्रदेश की सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा, लेकिन इसके बावजूद बागबानों के एक-एक सेब को मंडी तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि अगर सड़कें बहाल करने में देरी होती तो सेब आर्थिकी को नुकसान पहुंचता। सड़कों को बहाल करने के लिए जितना पैसा मांगा गया, उतना प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने कहा विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में इस वित्त वर्ष 20 हजार से अधिक नौकरियां प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व लोक अदालत में 45 हजार लंबित इंतकाल के मामलों को निपटारा किया, जो पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उसे लाभान्वित करने का प्रयास है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला शिमला में बागवानी क्षेत्र के लिए विश्व बैंक का प्रोजेक्ट पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स की देन है, जिससे बागबानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार शिमला जिले से राज्य मंत्रिमंडल में तीन मंत्री तथा एक मुख्य संसदीय सचिव को जगह दी गई है।
विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि उनका क्षेत्र बागवानी बहुल क्षेत्र है तथा बागवानी ही आय का मुख्य स्रोत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने वर्षांे से चली आ रही मांगों को पूरा किया है। सेब प्रति किलो की दर से बेचा गया है तथा यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने हर प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान सेब को मंडियों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी, जिसे राज्य सरकार ने पूरा किया तथा बागवानों के उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आपदा के लिए कोई आर्थिक मदद नहीं मिली लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राहत राशि में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में जिला शिमला में विकास नए आयाम स्थापित होने जा रहे हैं।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक नंद लाल, हरीश जनारथा, पूर्व विधायक राकेश सिंघा, वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के चेयरमैन देवेंद्र श्याम, कांग्रेस नेता रजनीश किमटा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।