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  • 14 प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 3 करोड़ 87 लाख रूपए।
  • प्रोग्राम के तहत पहली बार स्पिति को मिली मंजूरी
  • IBEX NEWS,शिमला।
    स्पिति उपमंडल में वाईब्रेट विलेज प्रोग्राम के तहत 2023-24 के लिए 14 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। इन 14 प्रोजेक्ट पर कुल 3,87 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने सीमांत क्षेत्रों के लिए आधारभूत ढांचा, संस्कृति को बढ़ावा देने, आत्मनिर्भर पलायन रोकरे की दिशा के लिए ये प्रोजेक्ट शुरू किया है। स्पिति के एक साथ 14 प्रोजेक्टों को केंद्रीय गृह मंत्रालय से मूंजरी मिल गइ है। ऐसे में अब लंबे समय से जिन प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय आभाव की कमी आड़े आ रही रही थी। उन्हें इन प्रोजेक्टों में शामिल किया गया है। स्पिति प्रशासन ने 20 गांवों के लिए कई प्रोजेक्ट बनाए है। इन्हीं में से फिलहाल प्रथम चरण में 14 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। स्पिति प्रशासन ही उक्त प्रोजेक्ट के सारी प्रक्रियाएं जल्द से जल्द पूरी करेगा।
    एडीसी राहुल जैन ने कहा कि जिन 14 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। उनकी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए संबधित विभागों को निर्देश दे दिए गए है। सभी प्रोजेक्ट का कार्य निर्धारित समय में पूरा करने पर विशेष ध्यान किया जाएगा। अभी केबलज 3.87 करेाड़ के प्रोजेक्टों को मंजूरी मिली है।

विधायक लाहुल स्पिति रवि ठाकुर ने कहा कि पहले स्पिति में बार्डर एरिया डिवेलपमेंट प्रोग्राम चलता था। जिसकी जगह हर वाईब्रेंट विलेट प्रोग्राम आरंभ हुआ है। लंबे समय से इस प्रोग्राम में प्रोजेक्टों को मंजूरी नहीं मिल रही थी। मैं यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के समक्ष उठाया। इसके बाद अब जब 14 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है तो मैं केंद्र सरकार का और प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करता हूं। स्पिति प्रशासन ने बेहतरीन तरीके से आवश्यक प्रोजेक्ट तैयार किए है। मैं उन्हें भी बधाई देता हूं। चीन से सटे स्पिति में अधिक से अधिक आधारभूत सुविधाएं मुहैया करवाने से यहां के लोगों को पलायन रोकना है और लोगों की आर्थिकी को मजबूत करना है।

वाईब्रेट विलेज प्रोग्राम


केंद्रीय वितपोषित कार्यक्रम है जिसकी घोषण 2022-23 में की गई है। इस कार्यक्रम के तहत उतर सीमावर्ती गावों को विकसित करने के लिए और बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए किया गया है। इसी कार्यक्रम के तहत स्पिति के सीमा से सटे गांव में बेहतर सुविधाएं और पलायन रोकने के लिए 20 गांवों का चयन किया गया है।

इन कार्यों को मिली मंजूरी
-हिक्किम में पोस्ट आफिस के नजदीक 60 लाख रूपए की लागत से कैफेटेरिया निर्माण, शौचालय, कबबोर्ड स्टोन, 10 स्ट्रीट लाईट निर्माण कार्य
-हिक्किम में 25 लाख रूपए की लागत से तीन गजीबो का निर्माण कार्य
-हल गांव में 12 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक हॉल और सीजीआई से निर्मित छत निर्माण कार्य
-हल गांव में 10 लाख रूपए की लागत से पारम्परित शैली में मुख्य गेट का निर्माण कार्य
-कौरिक में 45 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य

  • काजा में 20 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य
    -काजा खास में 20 लाख रूपए की लागत से जिंग का सौदर्यीकरण
    -किब्बर में 30 लाख रूपए की लागत से मेडिटेशन सेंटर कम टूरिस्ट इन्फोरमेशन सेंटर का निर्माण
    -किब्बर से चिचिम्म मार्ग 5 लाख रूपए की लागत से मरम्मत करना
    -चिचिम्म पुल के साथ 30 लाख रूपए की लागत से क्यूबिकल ग्लास हाउस निर्माण कार्य
    -क्यामो में 35 लाख रूपए की लागत से बहुउदेशीय भवन का निर्माण कार्य
    -गेचांग लिदांग में 35 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य
    -हिक्किम में 15 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक हॉल का निर्माण कार्य
    -शेगो में 45 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक हॉल का निर्माण कार्य।

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