ये सैंक्चुअरी आंशिक रूप से शिमला जिले के जुब्बल तहसील में है।
चंदन कालेट, वन रक्षक द्वारा ये रिकॉर्ड किया गया है।
IBEX NEWS,शिमला।
तलरा वन्यजीव अभयारण्य से सांभर हिरण प्रजाति का पहला फोटोग्राफिक रिकॉर्ड किया गया है।चंदन कालेट, वन रक्षक द्वारा ये रिकॉर्ड किया है।
नियमित वन्यजीव निगरानी के सौजन्य से वन्य जीव प्रभाग में पिछले 2 वर्षों में यह 5वां नया कैमरा ट्रैप रिकॉर्ड है। तालरा वन्यजीव अभयारण्य, आंशिक रूप से चौपाल में और आंशिक रूप से शिमला जिले के जुब्बल तहसील में पड़ता है और इसका क्षेत्रफल 40.49 वर्ग किमी है।
तलरा वन्यजीव अभयारण्य भारत के शिमला, हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह वर्ष 1962 में एक वन्यजीव अभयारण्य बन गया। यह वन्यजीव अभयारण्य 40 किमी 2 के क्षेत्र को कवर करता है। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा अधिसूचित एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र है।यह स्नो लेपर्ड का घर है जो क्षेत्र में बहुत दुर्लभ है। तलरा वन्यजीव अभयारण्य उन वन पेड़ों का घर है ।
ये सैंक्चुअरी घने जंगलों वाले क्षेत्र ओक और देवदार जैसे पेड़ों से ढके हुआ हैं। वनस्पतियों की अन्य किस्मों में देवदार, भोज पत्र, राई और राखल शामिल हैं।तेंदुए, हिमालयी काला भालू, सीरो, साही, बार्किंग हिरण, हिमालयन पाम सिवेट, यूरेशियन स्पैरोहॉक, उड़ने वाली गिलहरी आदि जैसे जीव यहां पाए जाते हैं।
साम्भर लगभग समूचे दक्षिण एशिया में (हिमालय पर्वत श्रंखला की दक्षिणी ढलानों तक), भूभागीय दक्षिण पूर्वी एशिया में (म्यानमार, थाईलैंड, इंडोचायना (लाओस, कंबोडिया, वियतनाम), मलय प्रायद्वीप), दक्षिणी चीन (हायनान द्वीप समेत) में, ताइवान में तथा इण्डोनेशिया के बोर्नियो और सुमात्रा द्वीपों में पाया जाता है।
साम्भर ऊष्णकटिबंधीय मौसमी वनों में (ऊष्णकटिबन्धीय सूखे तथा मौसमी नम सदाबहार), उप-ऊष्णकटिबंधीय वनों में (शंकुधारी वृक्ष, चौड़ी पत्ती के पतझड़ीय वृक्ष तथा चौड़ी पत्ती के सदाबहार वृक्ष) और ऊष्णकटिबन्धीय वर्षावनों में पाया जाता है। यह पानी से ज़्यादा दूर विचरण नहीं करता है। यह एक मज़बूत प्राणी है और समुद्र तल से लेकर 3,500 मी॰ की ऊँचाई तक पाया जाता है – जैसे पूर्वी ताइवान, म्यानमार और हिमालय की ढलानों में।
साम्भर को पतझड़ीय वनों की घनी झाड़ियाँ और घास की सुरक्षा पसन्द हैं,हालाँकि इसका क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इसके स्वभाव में बहुत विविधता देखी जा सकती है। निजी क्षेत्रफल में भी काफ़ी विविधता है, हालाँकि भारत में नर का इलाका आमतौर पर 1,500 हे॰ तथा मादा का इलाका 300 हे॰ पाया गया है।
साम्भर जंगलों में रहते हैं और स्थानीय पर्यावरण के मुताबिक विभिन्न प्रकार की वनस्पति, जैसे घास, पत्तियाँ, पौधों की डालियाँ, फल, पानी के पौधे इत्यादि खाते हैं। वे कई प्रकार के झाड़ियाँ तथा पेड़ भी खा लेते हैं। वे सिंह और बाघ का पसन्दीदा शिकार हैं। मगर, जिनके इलाके साम्भर के साथ ही होते हैं, भी इनको अपना निवाला बना लेते हैं।
हिरणों की तुलना में इसकी पूंछ अधिक बड़ी होती है तथा आमतौर पर बाहर से काली और अन्दर की तरफ सफेदी लिये हुये होती है। पश्चिमी उप-जाति के जीव अपने पूर्वी सम्बन्धियों से आकार में कुछ बड़े होते हैं।