शराब पर सेस बढ़ाया, शिमला में बाहरी राज्यों के वाहनों पर लगेगी ग्रीन फीस, करीब 247.44 करोड़ ₹ के बजट में नए पार्क, पार्किंग, सड़कें, सामुदायिक भवन, वार्ड कार्यालय और डिजिटल लाइब्रेरी बनाने जैसी बड़ी घोषणाएं हैं। आपदा से सबक भी लिया है जानें और क्या हैं बड़ी घोषणाएं?

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महापौर सुरेंद्र चौहान ने वीरवार को नगर निगम का वार्षिक बजट पेश करते हुए जनता के लिए घोषणाओं का पिटारा खोला।

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल की राजधानी शिमला में नगर निगम ने शराब पर सेस बढ़ाया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस शासित नगर निगम ने अपने पहले बजट में शहरवासियों के लिए शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने गुरुवार को 2024-25 का बजट हाउस में पेश करते हुए शराब की प्रति बोतल सेस 8 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए करने की घोषणा की।

महापौर सुरेंद्र चौहान ने वीरवार को नगर निगम का वार्षिक बजट पेश करते हुए जनता के लिए घोषणाओं का पिटारा खोला। करीब 247.44 करोड़ रुपये के बजट में नए पार्क, पार्किंग, सड़कें, सामुदायिक भवन, वार्ड कार्यालय और डिजिटल लाइब्रेरी बनाने जैसी बड़ी घोषणाएं की गई हैं। आपदा से सबक लेते हुए शहर में नालों-नालियों को पक्का किया जाएगा।

शहर के वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा टेस्ट करवाने के लिए घर बैठे सैंपल देने की सुविधा दी जाएगी। नगर निगम यह सुविधा निशुल्क देगा। दिव्यांग लोगों को भी निगम न्यूनतम दर पर मांग के अनुसार यह सुविधा दे सकता है।

आम लोगों की सुविधा के लिए शहर में तीन थीमेटिक पार्क बनाए जाएंगे। सर्कुलर रोड को होर्डिंग्स फ्री करने के लिए यहां डिजिटल एलईडी स्क्रीनें लगाई जाएंगी। मालरोड के सौंदर्यीकरण के लिए सभी दुकानों में एक जैसे साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। सभी वार्डों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएंगी। इसके लिए केंद्र सरकार से करीब 15 करोड़ रुपये का बजट मांगा जाएगा। वार्डों में वार्ड दफ्तर बनाने की घोषणा की गई है। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा के लिए पांच चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। नगर निगम कूड़ा ढोने के लिए भी 15 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगा। सभी भवनों की यूनिट आईडी बनाने के लिए इसी साल ड्रोन सर्वे पूरा किया जाएगा।


पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों से राजधानी शिमला आने वाले वाहनों पर अब ग्रीन फीस लगेगी। नगर निगम शिमला इसी साल से शहर में ग्रीन फीस की वसूली शुरू करने जा रहा है। अप्रैल के बाद ग्रीन फीस की वसूली शुरू करने की योजना है। नगर निगम ने वीरवार को अपने वार्षिक बजट में बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन फीस की वसूली शुरू करने की घोषणा की है। महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि 10 साल से चल रही योजना को धरातल पर उतारने के लिए निगम तैयार है और इस साल से वसूली शुरू होगी। इससे निगम को सालाना 10 करोड़ की आय होगी। ग्रीन फीस से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा पर्यावरण सरंक्षण के कामों पर भी खर्च किया जाएगा।


ग्रीन फीस की वसूलने के लिए हाईवे पर बैरियर नहीं लगाया जाएगा। मोबाइल एप से फीस ली जाएगी। इसके लिए निगम एक कंपनी से एप तैयार करवा रहा है। जल्द ही एप तैयार की जाएगी। बता दें कि पहले बैरियर पर वाहनों को रोक कर फीस लेने को लेकर विवाद हो गया था। इसको देखते हुए ही फीस ऑनलाइन लेने का फैसला लिया गया है।


नगर निगम के अनुसार व्यवस्था लागू होने के बाद यदि कोई सैलानी शिमला में प्रवेश पर ग्रीन फीस नहीं देता है तो उस पर जुर्माने की भी व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, जुर्माना कितना रहेगा, यह अभी फाइनल नहीं किया गया है।


कार             200 रुपये
बस, ट्रक       300 रुपये
दोपहिया         50 रुपये


महामारी फैलाने वाली बीमारियों पर निगरानी रखने के लिए शहर में मेट्रो सर्विलेंस सेंटर खोला जाएगा। साथ ही अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान खोलने की भी योजना है। स्वयं सहायता समूहों को जूट बैग, जैविक फाइल फोल्डर समेत अन्य कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्पाद बेचने के लिए जगह दी जाएगी।


शहर के युवाओं के लिए पहली बार नगर निगम बजट में घोषणाएं हुई हैं। इनके लिए वार्डाें में टेबल टेनिस कोर्ट बनाने और

क्रिकेट के अभ्यास के लिए पिच की सुविधा दी जाएगी। पार्षद इसके लिए स्थान चिह्नित करेंगे। शहर में पहली बार लावारिस कुत्तों की गणना की जाएगी। इसके बाद इनकी सौ फीसदी नसबंदी के लिए अभियान चलेगा।


शहर में अवैध डंपिंग रोकने के लिए नगर निगम ने बड़ी घोषणा की है। भवन निर्माण या अन्य कामों से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने के लिए निगम सस्ती दरों पर वाहन सुविधा मुहैया करवाएगा। इसके लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू होगी।

ढली बाईपास, कनलोग, आईजीएमसी के पास डंपिंग साइट बनाई जाएंगी।


शहरवासियों को सुविधा देने के लिए नगर निगम कई और सेवाएं इसी साल से ऑनलाइन करने जा रहा है। लोग घर बैठे इनका इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र लेने की सुविधा भी ऑनलाइन की जा रही है।

साल 1870 से लेकर 2015 तक का रिकाॅर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। ब्रिटिश नागरिक भी शिमला में रहे अपने पूर्वर्जाें के जन्म और मृत्यु के प्रमाणपत्र अब ऑनलाइन ले सकेंगे।

दूसरी सेवा लीज और किराया भुगतान से संबंधित हैं। अभी किरायेदारों को निगम के कैश काउंटर पर जाकर बिलों का भुगतान करना पड़ता है।

अप्रैल से यह सेवा भी ऑनलाइन हो जाएगी। तीसरी सेवा के तहत निगम भवनों के नए-पुराने सभी नक्शों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करेगा। चौथी सेवा में तहबाजारियों के पंजीकरण की सुविधा भी ऑनलाइन की जा रही है। हर घर से कूड़ा उठ रहा है या नहीं, इसके लिए हर घर पर क्यूआर कोड स्कैनर लगाए जाएंगे। सुबह सैहबकर्मी को कूड़ा उठाते वक्त इसे स्कैन करना होगा। इससे निगम को पता रहेगा कि रोजाना कितने घर से कूड़ा उठ रहा है। निगम सदन के लिए स्थान मिलने पर ई-विधान प्रणाली भी लागू करेगा। वाहनों में जीपीएस लगाए जाएंगे।

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