हिमाचल में आज से 2600 डॉक्टर प्रति दिन अढाई घंटे की अनिश्चित हड़ताल पर। PHC से लेकर जिला अस्पतालों में सुबह 9:30 से दोपहर 12:00 बजे तक डॉक्टर मरीजों को उपचार नहीं देंगे।मेडिकल कॉलेजों से drs का आधा बैच पहले ही विंटर वेकेशन पर तो ये हड़ताल मरीज़ों के ज़ख्मों को और कुरेद सकती है।

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5 मार्च के बाद सामूहिक अवकाश पर होंगे। 

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश में आज से 2600 डॉक्टर प्रति दिन अढाई घंटे की हड़ताल पर हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC)से लेकर जिला के अस्पतालों में सुबह 9:30 से दोपहर 12:00 बजे तक डॉक्टर मरीजों को उपचार नहीं देंगे। मंगलवार सुबह डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी और ओपीडी के बाहर लंबी कतारों ने मरीज़ अपने अपने चिकित्सकों के इंतज़ार में रहें।उपर से आजकल इन दिनों प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शीतक़ालीन अवकाश पर चिकित्सक है। विभागों में चिकित्सकों का आधा बैच ही सेवारत है और अब ये हड़ताल मरीज़ों के ज़ख्मों को और दुखायेगी।

प्रदेशभर के अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं।  हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ (HMOA)का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, 5 मार्च के बाद सामूहिक अवकाश पर चलेंगे। धर्मशाला अस्पताल और कुल्लू में भी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। इससे मरीज ओपीडी के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे। महात्मा गांधी खनेरी अस्पताल में चिकित्सकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। 


सोलन जिले के अस्पतालों में  हड़ताल के चलते चिकित्सक सुबह 9:30 से 12:00 बजे तक ओपीडी में नहीं बैठे। इससे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।  मरीजों को केवल आपातस्थिति में उपचार की सुविधा मिल रही है। इससे पहले चिकित्सक अस्पतालों में काले बिल्ले लगाकर सेवाएं दे रहे थे। लेकिन चिकित्सकों को 13 फरवरी को सरकार के साथ हुई बैठक का एजेंडा नहीं मिलने पर अब उन्होंने पेन डाउन स्ट्राइक का निर्णय लिया है।

प्रदेश जिला चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कमल अटवाल ने बताया कि उनकी मुख्य पांच मांगें हैं। इसमें एनपीए को बहाल करना प्रमुख मांग है। संघ ने मांग की है कि स्वास्थ्य निदेशक को डिप्टी मिशन निदेशक के पद से हटाया जाए क्योंकि संघ को यह मान्य नहीं है कि स्वास्थ्य निदेशक किसी अन्य निदेशक के अधीनस्थ कार्य करें।


चिकित्सक एनपीए, एड्स कंट्रोल सोसायटी में प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कार्यभार स्वास्थ्य निदेशक को देने और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व एमएस जो शक्तियां है उन्हें वापिस देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा संघ का कहना है कि 13 फरवरी को जो बैठक मुख्यमंत्री के साथ हुई थी, उस बैठक के मुख्य बिंदु भी नहीं निकाले गए हैं।  यही वजह है कि चिकित्सक अब अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर में हड़ताल कर रहे हैं।


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