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330 मीटर लंबे बागछाल पुल को सिर्फ दो पिलर पर बनाया गया है। इन दो पिलर के बीच की दूरी 185 मीटर है। पिलरों के बीच की इसी दूरी को सिंगल स्पैन कैंटीलीवर कहा जाता है। पुल का लाभ चार जिलों के लाखों लोगों को मिलेगा।

IBEX NEWS,शिमला।


देश के सबसे लंबे सिंगल स्पैन कैंटीलीवर वाला पुल झंडूता के बागछाल में बन कर तैयार हो गया है। 330 मीटर लंबे बागछाल पुल को सिर्फ दो पिलर पर बनाया गया है। इन दो पिलर के बीच की दूरी 185 मीटर है। पिलरों के बीच की इसी दूरी को सिंगल स्पैन कैंटीलीवर कहा जाता है। पुल का लाभ चार जिलों के लाखों लोगों को मिलेगा।
झंडूता और श्री नयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए गोबिंद सागर झील पर निर्मित यह पुल इंजीनियरिंग स्किल्स का बेजोड़ नमूना है। यह पुल कोटधार से पिछड़े क्षेत्र का दाग भी हटाएगा।

इसका लाभ हमीरपुर, ऊना और कांगड़ा के कई क्षेत्रों के लोगों को भी मिलेगा। पुल से पंजाब की सीमा मात्र आधे घंटे की दूरी पर रह जाएगी। पिछले एक साल में इस पुल का निर्माण तेज गति हुआ है। एक साल में पुल का 124 मीटर लंबा हिस्सा बनाया गया है। बागछाल पुल का निर्माण पूरा होने में 18 साल लगे हैं। इसके निर्माण पर करीब 55 करोड़ रुपये की लागत आई है।

पुल का शिलान्यास 20 अगस्त 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने किया था। साल 2005 से 2009 तक पुल का निर्माण चलता रहा। लेकिन 18 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद निर्माण कार्य बंद हो गया और उसके एक की नींव में तकनीकी खराबी आ गई। इससे पुल का निर्माण कार्य बंद होकर ठंडे बस्ते में चला गया। साल 2016 में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पुल का निर्माण कार्य करने के आदेश जारी किए। निर्माण कार्य की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए 32.70 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया। पिछले एक साल लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने चार बार इस पुल के निर्माण की रिव्यू बैठक की है। जबकि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी विभागीय अधिकारियों से इसके निर्माण पर कई बार चर्चा कर चुके हैं।

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