हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली भारी बारिश ने बीती रात को खूब तबाही मचाई है। सोलन और शिमला जिला में इससे भारी नुकसान हुआ है।
सोलन के कुनिहार में हेवी रेन के बाद गंभर पुल को फिर से खतरा पैदा हो गया है।
शिमला के भट्टाकुफर-आईएसबीटी बाइपास में मानसून की पहली बारिश से आठ गाड़ियाँ देखते ही देखते मलबे में दब गई।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली भारी बारिश ने बीती रात को खूब तबाही मचाई है। सोलन और शिमला जिला में इससे भारी नुकसान हुआ है। सोलन के कुनिहार में हेवी रेन के बाद गंभर पुल को फिर से खतरा पैदा हो गया है। वहीं शिमला के भट्टाकुफर-आईएसबीटी बाइपास में मानसून की पहली बारिश से आठ गाड़ियाँ देखते ही देखते मलबे में दब गई।
बीते साल 24 जून को मानसून प्रवेश करने के साथ ही शिमला में 99 और जुब्बड़हट्टी में 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी। शिमला और आसपास के क्षेत्रों में ही गुरुवार-शुक्रवार को बादल बरसे। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रहने के साथ मौसम साफ रहा। मैदानी जिलों में बादल नहीं बरसने से मौसम में उमस बढ़ गई है। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री तक गिरावट दर्ज हुई। राजधानी शिमला में भारी बारिश के चलते नौ वाहन मलबे में दब गए। सोलन के गंबरपुल पर मलबा आने से पुल को खतरा पैदा हो गया है। कुनिहार में कई दुकानों में पानी जाने से कारोबारियों को नुकसान हुआ है।बीते साल 24 जून को मानसून प्रवेश करने के साथ ही शिमला में 99 और जुब्बड़हट्टी में 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी। शिमला और आसपास के क्षेत्रों में ही गुरुवार-शुक्रवार को बादल बरसे। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रहने के साथ मौसम साफ रहा। मैदानी जिलों में बादल नहीं बरसने से मौसम में उमस बढ़ गई है। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री तक गिरावट दर्ज हुई। राजधानी शिमला में भारी बारिश के चलते नौ वाहन मलबे में दब गए। सोलन के गंबरपुल पर मलबा आने से पुल को खतरा पैदा हो गया है। कुनिहार में कई दुकानों में पानी जाने से कारोबारियों को नुकसान हुआ है।