स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा मशीनरी और उपकरण खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।

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कहा,नवजात शिशुओं के लिए बेबी केयर किट खरीदने के दृष्टिगत निविदा जारी करने की मंजूरी दे दी गई है। प्रत्येक किट की लागत लगभग 1500 रुपये होगी। राज्य मेें एक वर्ष में लगभग एक लाख संस्थागत प्रसव होने का अनुमान है और प्रदेश सरकार ने बेबी किट के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।
इस किट में 20 वस्तुएं शामिल होंगी,

IBEX NEWS,शिमला।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश के चिकित्सा संस्थानोके लिए आधुनिक मशीनरी और उपकरण खरीदने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को घरद्वार के निकट गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत आधुनिक तकनीक और उपकरणों के उपयोग पर विशेष अधिमान दिया जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि मशीनरी और उपकरणों की खरीद में तेजी लाने के लिए खरीद संबंधी तकनीकी वशिष्टताओं को एम्स और पीजीआई की तर्ज पर रखा जाए। इससे खरीद में गुणवत्ता सुनिश्चित होने के अलावा खरीद प्रक्रिया, समय और धन की बचत होगी।


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने यह बात आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की विशेष उच्च स्तरीय क्रय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को समय पर उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण प्रदान किये जा रहे हैं, ताकि राज्य के लोगों को उपचार के लिए अन्य राज्यों में न जाना पड़े।
उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के लिए बेबी केयर किट खरीदने के दृष्टिगत निविदा जारी करने की मंजूरी दे दी गई है। प्रत्येक किट की लागत लगभग 1500 रुपये होगी। राज्य मेें एक वर्ष में लगभग एक लाख संस्थागत प्रसव होने का अनुमान है और प्रदेश सरकार ने बेबी किट के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि इस किट में 20 वस्तुएं शामिल होंगी, जिनमें डिजिटल थर्मामीटर, नेल कटर, टोपी, सॉफ्ट ब्रिस्टल हेयर ब्रश, बिब, बच्चे के लिए वॉश क्लॉथ और मां के लिए सेनिटरी नैपकिन जैसी आठ नई वस्तुएं शामिल हैं। इसके अलावा इसमें बच्चे के लिए वन पीस स्लिप-ऑन आउट फिट, बेबी वेस्ट (दो), बेबी मिटनस, और बुटिस, बच्चों की मालिश का तेल, तौलिया, कपड़े के नेपी, हेंड सेनेटाईजर, मछरदानी, मिंक कम्बल, रेटल टॉय, मलमल/फूलालैन (दो) तथा मां के लिए टूथ ब्रश, पेस्ट, नहाने का साबुन और वैसलीन इत्यादि भी शामिल होंगे।


इसके उपरांत स्वास्थ्य मंत्री ने हिमाचल प्रदेश चिकित्सा सेवाएं निगम लिमेटिड (एचपीएमएससीएल) के बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता भी की। बैठक में विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में विभिन्न संस्थानों के लिए मशीनरी, वाहन, अस्पताल के फर्नीचर आदि की खरीद प्रक्रिया शुरू करने को भी मंजूरी दी गई।
स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. अश्वनी शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डॉ. राकेश शर्मा, मिशन निदेशक एनएचएम प्रियंका वर्मा और हिमाचल प्रदेश चिकित्सा सेवाएं निगम के महाप्रबंधक राजीव कुमार भी बैठक में उपस्थित थे।

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