हिमाचल प्रदेश में किन्नौर के ज्ञाबुंग और रोपा पंचायत में नाले में बादल फटने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान।

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IBEX NEWS,शिमला।

किन्नौर के रिसपा गाँव देश दुनिया से कट गया हैं और यहाँ नाले में भयंकर बाढ़ का नजारा देखकर आप दंग रह जाएँगे।किन्नौर में ज्ञाबूँग, रोपा में भी बादल फटा है और करोड़ों रुपये जा नुक़सान हुआ है।
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किन्नौर जिला के रोपा पंचायत क्षेत्र के थोरोपा में रविवार सुबह करीब 6 बजे तेज बारिश के साथ बादल फटने से रोपा क्षेत्र के कई ग्रामीणों के दोगरिय सहित सेब के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा है। वही जिला के ज्ञाबुंग एवम मुरंग में भी बाढ़ आने से सिंचाई कुहल सहित कई किसानों के खेत भी इस बाढ़ की चपेट में आने की सूचना है। बताया जाता है जैसे ही रविवार सुबह करीब आधा घंटे के करीब तेज बारिश होने के साथ पहाड़ियों पर बादल फटने से नालों में आया मलवा ग्रामीणों के सेब बगीचों में गुस गया। मलवा इतना अधिक था की इस दौरान स्थानीय निवासी देवी सिंह सहित धर्म सिंह के दोगरी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इतना ही नहीं परमा नन्द , कुगां तनजिन , नमसल नेगी , राजेन्द्र कुमार के सेब के बगीचों में काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि बादल फटने से उत्पन इस घटना से ग्रामीणों के सिंचाई कुहलो सहित रास्ते भी भारी क्षतिग्रस्त हुई हैं। बताया जाता है कि इसी तरह की एक अन्य घटना ज्ञाबुंग क्षेत्र में भी देखा गया। ज्ञाबुंग क्षेत्र के होल्डो नाले में भी बाढ़ आने से होल्डो कुहल सहित जंगती कुहल व शीविक शक्री कुहल को भी काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

हिमाचल प्रदेश में किन्नौर के ज्ञाबुंग और रोपा पंचायत में नाले में बादल फटने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। रोपा पंचायत में ग्रामीण धर्म सिंह मेहता के दो कमरों का मकान बह गया, जबकि हरि सिंह का मकान पानी और मलबा से भर गया। जल शक्ति विभाग की चार सिंचाई नहरों को 57 लाख का नुकसान हुआ है। शिमला में भी रविवार दोपहर बाद बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में 3 अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।ज्ञाबुंग और रोपा नाले में बादल फटने से मलबा लोगों के बगीचों में पहुंच गया, जिससे सैकड़ों सेब के पौधों और नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। रोपा पंचायत की सिंचाई कूहल रिगेन को बाढ़ से नुकसान हुआ है। यहां जल शक्ति विभाग की करीब 60 मीटर कूहल में मलबा भर गया, जिससे विभाग को करीब दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ग्रामीण परमानंद, नमज्ञाल नेगी, राजेंद्र कुमार, कुंगा तांनजेन के सैकड़ों सेब के पौधे, राजमाह, ओगला और फाफरा सहित अन्य नकदी फसलें भी तबाह हो गई हैं।ज्ञाबुंग नाले में पानी का स्तर बढ़ने से होलियाती कूहल को क्षति पहुंची है। पानी के तेज बहाव के कारण इस कूहल का स्रोत टूट गया है, जिससे विभाग को करीब 25 लाख की क्षति पहुंची है। वहीं जांगती कूहल का भी स्रोत टूटने से विभाग को यहां 20 लाख की क्षति पहुंची है। इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा स्वयं बनाई गई फार्म कूहल को भी दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है। जल शक्ति विभाग पूह के कनिष्ठ अभियंता राजदीप सिंह नेगी ने बताया कि जल्द ही सिंचाई कूहलों को बहाल किया जाएगा। उधर, पूह के कार्यवाहक एडीएम विक्रम सिंह ने बताया कि नुकसान का जायजा लेने के लिए राजस्व विभाग की टीम भेजी गई है।बारिश के कारण किन्नौर के ही निगुलसरी ब्लॉक प्वाइंट पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से सुबह चार घंटे नेशनल हाईवे-5 बंद रहा। जिला कुल्लू के आनी उपमंडल में बीती रात हुई भारी बारिश से आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे-305 सहित कई अन्य ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गईं। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और लोक निर्माण विभाग बाधित सड़कों को युद्धस्तर पर बहाल करने में जुटा है। कुल्लू और लाहौल में शनिवार रात को बारिश से मनाली के पलचान में बाढ़ जैसे हालात बन गए। ब्यास और सरेही नाला में जलस्तर बढ़ने से पांच घरों के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा।नाली-लेह मार्ग में अटल टनल होकर वाहनों की आवाजाही फिलहाल बंद है। लाहौल की मयाड़ घाटी के करपट नाला में भी बाढ़ आ गई। वहीं, बंजार-घियागी सजवाड़ सड़क में आने वाले शांगथाच नाले में जलस्तर बढ़ने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही।
उधर, शिमला के मैहली में मलबा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। जोगिंद्रनगर में भी शनिवार देर रात बारिश से बजगर खड्ड के पास पेड़ गिर गया, जिससे चार घंटों तक मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर आवाजाही बाधित रही। जोगिंद्रनगर में 95 और धौलाकुआं में 69.5 मिलीमीटर बारिश हुई है।

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