हिमाचल प्रदेश में शनिवार को डॉक्टर सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। डॉक्टर पश्चिम बंगाल में एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में विरोध जता रहे हैं।

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IBEX NEWS,शिमला।

पश्चिम बंगाल में एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले के विरोध में हिमाचल प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेंगी। डॉक्टर शनिवार को सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। हालांकि, आपात सेवाएं सुचारु रहेंगी। गंभीर मामले आने के बाद ही डॉक्टर को बुलाया जा सकता है। प्रदेशभर के सभी डॉक्टर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. राजेश राणा ने कहा कि अस्पतालों में आपात सेवाएं सुचारु रहेंगी। ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी।



हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में आज मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ेगी। रेजिडेंट डॉक्टर के बाद हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) ने भी आज हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इसके बाद प्रदेश के सभी अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेगी।रेजिडेंट डॉक्टर के साथ साथ कंसल्टेंट भी ओपीडी में नहीं बैठेंगे। इससे प्रदेशभर में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा। सीनियर और जूनियर सभी डॉक्टर आज पेन डाउन स्ट्राइक पर रहेंगे। बीते कल HMOA ने टोकन प्रोटेस्ट करने का निर्णय लिया है।पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़क उठे है। इसी कड़ी में हिमाचल में भी रेजिडेंट डॉक्टर 2 दिन से हड़ताल पर है। शनिवार को सीनियर डॉक्टर भी इनके साथ 24 घंटे की हड़ताल में उतर आए हैं।HMOA के महासचिव डॉ.विकास ठाकुर ने बताया एसोसिएशन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), फेडरेशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FOAIA) के आह्वान पर हड़ताल में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का निर्णय लिया है।बीते 2 दिन के दौरान भी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कालेजों में मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ी। दूसरे अस्पतालों में नियमित तौर पर ओपीडी चल रही थी। मगर आज मेडिकल कालेज और दूसरे अस्पतालों में भी ओपीडी नहीं चलेगी। जाहिर है इससे मरीजों को दिनभर कठिनाइयां झेलनी पड़ेगी। कल भी रविवार है। लिहाजा मरीजों को उपचार के लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ेगा।गौर हो कि बता दें कि बीते 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं।डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है।

बारिश में शुक्रवार साँय निकाला कैंडल मार्च
आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने शुक्रवार शाम को कैंडल मार्च भी निकाला। भारी बारिश के बावजूद इस कैंडल मार्च में सैकड़ों की तादाद में डॉक्टर शामिल हुए। महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या मामले पर चिकित्सक अपना विरोध जता रहे हैं। शाम पांच बजे के करीब इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज (आईजीएमसी) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शेरे पंजाब से डीसी दफ्तर तक कैंडल मार्च निकाला। आईजीएमसी आरडीए अध्यक्ष डॉ. हरि मोहन शर्मा और डॉ. शिखिन ने बताया कि जब तक दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है, तब तक वह चुप नही बैठेंगे। 

आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने निकाला कैंडल मार्च

खनेरी अस्पताल में भी चिकित्सकों ने प्रकट किया रोष
रामपुर के खनेरी अस्पताल में शुक्रवार को चिकित्सकों ने कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और मर्डर पर दो मिनट का मौन रखा। इस दौरान चिकित्सकों ने रोष प्रकट किया। डाॅ. संदीप ने कहा कि कोलकाता में हुए दुष्कर्म को लेकर खनेरी अस्पताल में चिकित्सकों की पेन डाउन हड़ताल रहेगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आम दिनों की तरह मरीजों का उपचार किया जाएगा।

किन्नौर में भी प्रदर्शन, दो मिनट का रखा मौन
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन किन्नौर ने शुक्रवार को अस्पताल में आपातकालीन बैठक की। बैठक में कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और मर्डर मामले पर दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक की अध्यक्षता जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर सनम नेगी ने की। अस्पताल के 60 डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर सुरक्षा की मांग की।उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन से क्षेत्र के मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आम दिनों की तरह मरीजों का उपचार किया जाएगा। गांव के अस्पताल, क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ, सांगला, पूह और भाबानगर अस्पताल में भी सामान्य की तरह डॉक्टर मरीजों का उपचार करेंगे। डॉक्टर सिर्फ काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट कर रहे हैं। इस मौके पर डॉ. आवेश नेगी, डॉ. विक्रम नेगी, डॉ. अविनाश नेगी, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. भारतेंदु, डॉ. शीतल, डॉ. प्रभा, डॉ. आदित्य, डॉ. रिद्धि, डॉ.साक्षी, डॉ.करण , डॉ. लिजा नेगी आदि मौजूद रहे।

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