IBEX NEWS, शिमला
छितकुल की इन हसीन वादियों में कौन नहीं खोना चाहता। ये है ही इतनी खूबसूरत।
इन वादियों में हालांकि सब कोई नहीं जा सकते।यहां बाहर के लोगों के लिए सुरक्षा के लिहाज से मनाही है।ये छितकुल वासियों का चारागाह क्षेत्र है। भेड़ बकरियां यहां लोग रखते है।जब गड़रिए मैदानी इलाकों से उन्हें वापस
लाते है। और उनकी ऊन निकालने के प्रोसेस से लेकर अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट का प्रॉसेस यहां चलता है।इसे यहां की स्थानीय भाषा में कंडे कहते है।लोग यहां अस्थाई रूप से भी डेरा डाल कर रहते है।
इस दौरान समय काटने का कोई और चारा तो नहीं होता। मोबाइल सिग्नल है नहीं तो इस तरह से भी इन वादियों में सूरमई धुन से ठाठ में रहना माना जाता है।
यहां बेहद शांत वातावरण रहता है। ऊंचे पहाड़ों के ग्लेशियरों से निकले पानी से बहती बड़ी नदी माहौल को चार चांद लगाती है। हालांकि दूर से इन वादियों को हर कोई निहार सकता है।
यहां बांसुरी बजाने वाला पेशे से शुद्ध शेफर्ड नहीं है बल्कि गांव का स्थाई वासी है । प्रदेश विश्व विद्यालय का स्नातक छात्र है और संस्थान में कबाइली संघ का एक बड़ा प्रतिनिधि भी। गांव यात्रा के दौरान इन वादियों में घर के काम से कंडे में भेजा तो हो गए धुंनमग्न।