ईसीआई शैले डे स्कूल (ईसीआईसीडीएस) में वार्षिक आर्ट एंड क्राफ्ट विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने दिखाए हैरतअंगेज़ क्राफ्ट एंड साइंस मॉडल।

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IBEX NEWS,शिमला।

राजधानी द मॉल द मॉल शिमला में स्थित ईसीआई शैले डे स्कूल (ईसीआईसीडीएस) में वार्षिक आर्ट एंड क्राफ्ट विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस विज्ञान प्रदर्शनी में स्कूल के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपना मॉडल बनाकर उसे प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया। इस वार्षिक आयोजन में स्कूल के सभी विद्यार्थियों ने अपने विभिन्न मॉडल पेश किए।

इसमें सड़क सुरक्षा,सौर मंडल,पर्यावरण सुरक्षा,जियोग्राफी की जटिलताएँ ,स्मार्ट सिटी व सौर ऊर्जा सहित अलग-अलग विषयों को दिखाया गया । हैंड एंड क्राफ्ट का अलग से प्रदर्शनी आयोजित हुई जिसमे बताया गया कि वेस्ट चीजों से कैसे बेस्ट बनाया जा सकता है और कैसे वेस्ट समझी जाने वाली वस्तुओं को दोबारा नये ढंग से उपयोग किया जा सकता है नई सोच को प्रदर्शित करते हुए इस मौके पर विद्यार्थियों ने हस्तकला, व्यर्थ समान, विज्ञान से संबंधित विभिन्न मॉडल के द्वारा अपनी प्रतिभा को बताया।

आज विज्ञान का युग है। छात्र जीवन में वैज्ञानिक सोच, अभिरुचि, जागरूकता को विकसित करने में विज्ञान प्रदर्शनी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इससे छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भी विकास होता है। विज्ञान प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि पैदा करना है।

स्कूल की प्राचार्य ने इस अवसर पर बच्चों और अध्यापकों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने कहा कि प्रदर्शनियों को अलग बनाने वाली बात यह है कि वे पाठ्यपुस्तकों में वैज्ञानिक अवधारणाओं के बारे में पढ़ने के बजाय व्यावहारिक शिक्षा पर जोर देते हैं । छात्र सीधे वैज्ञानिक अवधारणाओं और प्रयोगों से जुड़ते हैं, जिससे उनकी समझ गहरी होती है। यह करके सीखने जैसा है, और यह विज्ञान को और अधिक रोमांचक और समझने में आसान बनाता है।

वस्तुओं में भौतिक रूप से हेरफेर करने, डेटा एकत्र करने और परिणामों का अवलोकन करने से, छात्रों में विज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोगों के प्रति गहरी समझ विकसित होती है, जो अंततः उनके ज्ञान को सुदृढ़ करती है और आगे के अन्वेषण के लिए उनकी जिज्ञासा को बढ़ाती है।इसके अलावा, ये प्रदर्शनियाँ छात्रों को प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा में शामिल करके रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं । छात्रों को विषय चुनने, प्रयोग करने और अपने निष्कर्षों को अभिनव तरीकों से प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी जाती है। रचनात्मकता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विज्ञान से परे जीवन के पहलुओं तक फैली हुई है।

स्कूल टीचर का कहना रहा कि प्रदर्शनियों में भाग लेना छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । जब छात्र अपने प्रयासों के परिणाम देखते हैं और फीडबैक प्राप्त करते हैं, तो इससे उनमें आत्म-सम्मान की भावना काफ़ी बढ़ जाती है। यह नया आत्मविश्वास उनके शैक्षणिक और व्यक्तिगत प्रयासों के पहलुओं पर प्रभाव डाल सकता है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत देश में पोलिटिकल पार्टीज़ के निशाने पर रहने वाले EVM मशीन के बारे में यहाँ के स्कूल के बच्चे ने कैसे मॉडल के माध्यम से समझाने की कोशिश की है कि ऐसे मतदान करें और ये हैं हमारे देश की बड़ी राजनीतिक दलों के चुनाव निशान। आप भी समझे बच्चों कि ज़ुबानी।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने स्वचालित प्रणालियों,जल संरक्षण, भूकंप ,वर्षा जल संचयन, आधुनिक यातायात प्रणाली ,सड़क सुरक्षा, आधुनिक सिचाई पद्धति, डीएनए आधारित एवं जीवन को सरल तथा सुगम बनाने में उपयोगी तकनीकों पर अनेक मॉडलों का निर्माण कर उनका प्रदर्शन किया। 


मज़ेदार जियोग्राफी मॉडल में जब स्कूल के हाल में फूटा ज्वालामुखी का लावा , देखिए ख़ास अन्दाज़ में बच्चों ने कैसे सम्भाला है ज्वालामुखी का लावा। geography टीचर ने बताया कि छात्रों को शिक्षकों, साथियों और कभी-कभी, व्यापक दर्शकों के सामने अपनी परियोजनाएँ प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। इन आयोजनों में भाग लेने के माध्यम से, छात्र कुशलतापूर्वक कार्यों को वितरित करते हुए दूसरों के साथ संवाद करना सीखते हैं । वे अपने ज्ञान और क्षमताओं का सहयोगात्मक रूप से उपयोग करते हुए संघर्ष समाधान में भी अनुभव प्राप्त करते हैं।

स्कूल की APRO अंजली ममिक

स्कूल की APRO अंजली ममिक ने बताया कि इस वार्षिक आयोजन में स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया था।विद्यार्थियों के बनाए मॉडल और उसकी प्रतिभा की सराहना की। स्कूलों में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनियाँ छात्रों की जिज्ञासा को बढ़ाती हैं, व्यावहारिक शिक्षा को प्रोत्साहित करती हैं और विज्ञान में रुचि पैदा करती हैं। वे पीढ़ियों को ज्ञान और आलोचनात्मक रूप से सोचने की क्षमता से सशक्त बनाती हैं, जिससे वैज्ञानिक साक्षरता से समृद्ध एक उज्जवल भविष्य में योगदान मिलता है। यही कारण है कि हमारा स्कूल इन प्रदर्शनियों के आयोजन को प्राथमिकता देता है। हम सुनिश्चित करते हैं कि हम न केवल सैद्धांतिक रूप से, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी उनके ज्ञान को निखारें। अपने बच्चे को हमारे उत्पादक शिक्षण समुदाय का हिस्सा बनने दें।आज इनोवेशन का जमाना है। नवाचार को हर क्षेत्र में बढ़ावा मिल रहा है और इससे अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ऐसी प्रदर्शनियाँ शिक्षा को बढ़ावा देने, छात्रों को व्यावहारिक अन्वेषण में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करने, उनकी रचनात्मकता को पोषित करने और उनके संचार कौशल को निखारने के उद्देश्य से काम करती हैं। ये कार्यक्रम छात्रों को परियोजनाओं के माध्यम से सिद्धांतों को क्रियान्वित करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें अपने साथियों और शिक्षकों के साथ अपनी खोजों को साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं।

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अंजलि ने बताया कि एक टीम के रूप में काम करने और परियोजनाओं पर सहयोग करने से, छात्र नैतिक कौशल प्राप्त करते हैं। वे सहानुभूति, सहयोग और दृष्टिकोणों का सम्मान करने के महत्व की समझ विकसित करते हैं। ये गुण न केवल स्कूल में उनके समय के दौरान उन्हें लाभान्वित करते हैं बल्कि समाज के भीतर सामंजस्यपूर्ण संबंधों को विकसित करने में भी योगदान देते हैं।
विज्ञान प्रदर्शनियाँ छात्रों को जिज्ञासु बनने और विश्लेषणात्मक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । वे जिज्ञासा को प्रज्वलित करती हैं और छात्रों को पूछताछ-आधारित सीखने में संलग्न होने के अवसर प्रदान करती हैं। यह उन्हें परिकल्पनाओं का पता लगाने और अपने दम पर उत्तर खोजने की अनुमति देता है। यह समस्या-समाधान क्षमताओं और विधि की गहन समझ को विकसित करता है।

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