संजौली मस्जिद की तीन मंजिलें अवैध, दो माह के भीतर गिराने के दिए आदेश।नगर निगम शिमला के आयुक्त कोर्ट में शनिवार को हुई सुनवाई।

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आयुक्त ​​​​​​कोर्ट ने आपने आदेश में कहा कि – अवैध रूप से बनाई गईं 3 मंजिलें मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर गिराएगी।

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश जारी हो गए हैं। नगर निगम शिमला के आयुक्त कोर्ट में शनिवार को हुई सुनवाई में इस पांच मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने के आदेश जारी किए हैं। दो माह के भीतर यह अवैध निर्माण गिराना होगा। मस्जिद कमेटी खुद इस अवैध निर्माण को तोड़ेगी। आयुक्त ​​​​​​कोर्ट ने आपने आदेश में कहा कि – अवैध रूप से बनाई गईं 3 मंजिलें मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर गिराएगी।कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि अभी उन्हें विस्तृत आदेशों का इंतजार है। लेकिन इस मामले में कोर्ट से जो आदेश आए हैं, उन्हें मंजूर हैं। कहा कि कमेटी या वक्फ बोर्ड इन आदेशों को चुनौती नहीं देंगे। पैसा जुटाकर अब अवैध मंजिलों को तोड़ा जाएगा। मस्जिद के बाकि हिस्से को लेकर 21 दिसंबर को होने वाली आगामी सुनवाई में फैसला लिया जाएगा। 

 संजौली के स्थानीय लोगों ने पिछली सुनवाई में आयुक्त कोर्ट में इस मामले में पार्टी बनाए जाने को लेकर आवेदन किया था। लोगों का कहना था कि यह मामला पिछले 15 साल से नगर निगम कोर्ट में लटक रहा है। स्थानीय लोग इस मामले में पार्टी बनकर कुछ जरूरी तथ्य देना चाहते हैं, जिससे इस मामले पर फैसला लेना आसान होगा। शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान करीब डेढ़ घंटे तक स्थानीय लोगों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। वहीं वक्फ बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों को इस मामले में पार्टी बनाए जाने का विरोध किया गया। नगर निगम ने भी अपना पक्ष रखा और इस मामले में संजौली के लोगों को तीसरी पार्टी के तौर पर शामिल नहीं करने का पक्ष रखा।

कोर्ट ने संजौली मस्जिद के आसपास रह रहे लोकल रहवासियों की इस केस में पार्टी बनने के लिए दी गई अर्जी को खारिज कर दिया। इस अर्जी पर सवा घंटे बहस हुई। मस्जिद मामले में अभी डिटेल ऑर्डर आना बाकी है।

 नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता ने कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट दी है उस पर भी वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से सवाल-जवाब हुए । बता दें, 7 सितंबर को हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के भीतर हुए अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम के अभियंता से रिपोर्ट मांगी थी। इनका कहना था कि निगम उन्हें बताए कि कुल कितना अवैध निर्माण हुआ है। इस पर आयुक्त ने कनिष्ठ अभियंता को ताजा रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।

 अब इस मामले पर फैसला आया है। आयुक्त कोर्ट की सुनवाई से पहले मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम को एक लिखित आवेदन दिया था कि यदि आयुक्त कोर्ट से मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश जारी होते हैं तो कमेटी खुद अवैध निर्माण गिराने को तैयार है।

यहाँ से शुरू हुआ था विवाद
मस्जिद विवाद महज एक लड़ाई की वजह से शुरू हुआ। शिमला के मल्याणा में एक हिंदू व्यक्ति के साथ करीब छह लोगों ने मारपीट की थी। इसमें एक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मारपीट को लेकर उक्त व्यक्ति ने थाने में केस दर्ज कराया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए। जब हिंदू संगठनों को इसका पता चला तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग उठाई। इसके बाद कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह ने भी विधानसभा में मामला उठाया।  मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा ने विस में कहा कि था कि कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। अगर अवैध निर्माण पाया गया तो उसे गिराया जाएगा।  इसके बाद धीरे-धीरे लोगों का ये प्रदर्शन आक्रोश में बदल गया।

साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा।

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