हाईकोर्ट में जनजातीय आरक्षण से जुड़े सभी मामलों को एक साथ सुना जाएगा।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर में हाटी समुदाय को जनजातीय आरक्षण देने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट में अब 6 दिसंबर को सुनवाई होगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने अगली सुनवाई तक सभी वादी और प्रतिवादियों को अपनी-अपनी कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।जिसमें कहा है कि हाईकोर्ट में जनजातीय आरक्षण से जुड़े सभी मामलों को एक साथ सुना जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के बाद राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2024 से 3 जनवरी के बीच प्रमाणपत्र जारी करने शुरू किए थे। 4 जनवरी को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की खंडपीठ ने प्रमाणपत्र जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया और कुछ याचिकाकर्ता ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटा दिया जिसमें उन्होंने जारी प्रमाणपत्र को चुनौती दी। अदालत में इस मामले की लगभग 15 के करीब अलग-अलग याचिकाएं दायर हैं। सरकार की ओर से लोगों को अभी तक एसटी के 90 प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
यह है केस, एक बाहर में जाने।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया है। प्रदेश सरकार ने 1 जनवरी 2024 को इस बारे में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को मंजूरी दे दी और अधिसूचना जारी कर दी। विशेष दर्जा प्राप्त करने वाला हाटी 11वां समुदाय है। पहले हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के 10 समुदाय थे। हालांकि, क्षेत्र की अनुसूूचित जाति को अनुसूचित जनजाति के दायरे से बाहर रखा है।