गुड़िया हत्याकांड: हिमाचल के पुलिस महानिरीक्षक(IG )जहूर जैदी सहित शिमला के आठ पुलिसकर्मी दोषी करार, चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट का फैसला।

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तत्कालीन SP शिमला डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया ।


IBEX NEWS,शिमला ।


केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) चंडीगढ़ की एक अदालत ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कोटखाई में 2017 में गुड़िया रेप व मर्डर केस एक गवाह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार 7 पुलिस अधिकारियों व जवानों को दोषी करार दिया गया है। हिमाचल के पुलिस महानिरीक्षक (IG) जहूर हैदर जैदी सहित सात अन्य को दोषी ठहराया गया है।जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, एचएचसी मोहन लाल, एचएचसी सूरत सिंह, एचसी रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल हैं।वहीं तत्कालीन SP शिमला डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। इस मामले में सजा पर फैसला 27 जनवरी को होगा।शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को लापता हुई 16 वर्षीय छात्रा का शव कोटखाई के तांदी के जंगल में निर्वस्त्र हालत में मिला था। मामले जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी सैयद जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। मौत का यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया और जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसी आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े नौ अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या की धारा 302, सुबूत खुर्द-बुर्द करने की धारा 201 सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। वर्ष 2017 में इस मामले को शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था।
बाद में आठ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बहाल हो गए थे, जबकि जैदी की सेवाएं बहाल नहीं हुई थीं। 2023 में जैदी की सेवाएं बहाल कर दी गई थी। वर्ष 2017 से चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में इस केस की सुनवाई हो रही है।

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