IBEX NEWS,Shimla
हिमाचल प्रदेश को नशा अपना शिकंजे में कसता जा रहा है, जिस कारण यहां के युवा वर्ग अपनी जिंदगी समाप्त करते जा रहे हैं। रोजाना हिमाचल के अलग-अलग भागों से चिट्टे की खबरें आ रही हैं, जबकि कई युवाओं को यह chitta मौत के समंदर में धकेल चुका है और न जाने कितने मासूम चेहरे इसके समंदर में गोते खा रहे हैं।ऐसा ही एक मामला मनाली में सामने आया है। मनाली नगर परिषद कार्यालय के समीप बने शौचालय में एक युवक मृत मिला है। उसकी मौत कैसे हुई इसका पता नहीं चला पाया है। आशंका जताई जा रही है कि नशे कि वजह से उसकी जान गई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
सूत्रों के अनुसार बुधवार को नगर परिषद कार्यालय के समीप ही बने शौचालय में एक युवक मृत पाया गया। युवक को मृत देखकर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे मे लिया और आगामी कार्रवाई शुरू की। मृतक की पहचान 33 वर्षीय अर्जुन राणा पुत्र संजीव राणा गांव रामपुर 17 मील के रूप मे हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस को परिजनों ने दिए बयान के मुताबिक युवक नशे का आदि था। हालांकि, पोस्टमार्टम. के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
सरकार आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पेश करने की भी योजना बना रही है, ताकि कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया जा सके। इसका उद्देश्य बार-बार अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना और नशे की लत के शिकार तथा पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना भी होगा। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि नशे से जुड़ी संपत्तियों पर नकेल कसते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में 9 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की और नशीली दवाओं की गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों को सील करने और ध्वस्त करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू किया। नशीली दवाओं की आपूर्ति शृंखलाओं को और बाधित करने और तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य में पहली बार 40-50 स्थानों पर तलाशी की गई। सरकार जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के उन्नयन को भी प्राथमिकता दे रही है।
प्रदेश सरकार के सख्त कदम
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सख्त कानून लागू कर समन्वित कार्रवाई और जन सहभागिता के माध्यम से मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस विभाग ने विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से मादक पदार्थों के नेटवर्क को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है। अवैध संपत्तियों को जब्त किया गया है और स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ, अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (पीआईटी एनडीपीएस) अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है।
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नशे का कारोबार अपने चरम पर है। नशे की वजह से प्रदेश में लोग जान गवां रहे हैं। नशे का कारोबार करने वाले पूरी तरह से बेकाबू हैं। नशा माफिया पूरे प्रदेश में तांडव मचा रहे हैं। जो वर्तमान हालात हैं वह वह बहुत चिंताजनक और शर्मनाक है। प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में नशे के ओवर डोज की वजह से तीन युवाओं की दुखद मृत्यु का मामला सामने आ चुका है। यह आधिकारिक तौर पर समाचारों में आया है, असली संख्या और भी बड़ी है, ऐसे बहुत मामले सामने भी नहीं आ पाते हैं। यह सोचकर मन दुख से भर जाता है कि नशे की वजह से लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है। देवभूमि के युवाओं के साथ हम ऐसा नहीं होने देंगे। हमें नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर फेल है। दुःखद स्थिति यह है कि इस पूरे प्रकरण में सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। नशे के बड़े सौदागर माफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
- नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार नशे के कारोबार पर कड़ा प्रहार करे। भारतीय जनता पार्टी नशे के खिलाफ लड़ाई सरकार का साथ पूरा साथ देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश से नशे की विदाई होनी चाहिए और नशा माफिया का साम्राज्य नष्ट होना चाहिए। इसके लिए विपक्ष सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। हम अपने प्रदेश के युवाओं को नशे के मकड़जाल में नहीं फंसने दे सकते हैं। भाजपा नशे के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। 19 जुलाई 2024 को ऊना में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्य समिति में नशे के खिलाफ प्रभावी लड़ाई का प्रस्ताव भी पास किया है।
- जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार आई है प्रदेश में नशे का आतंक बेकाबू हो गया है। उसके पीछे नशा माफिया को मिल रहा राजनीतिक संरक्षण है। संरक्षण की वजह से प्रशासन भी कई बार अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है। ऐसा एक बार नहीं बार-बार देखने को मिला जब प्रदेश में किसी भी प्रकार की माफिया के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करने की सोची तो राजनीतिक दखल उसमें आड़े आया। हाल ही में नशा माफिया, पुलिस और राजनैतिक गठजोड़ का मामलाI सामने आया। हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री ने उस बारे में भी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की। हाल ही में पुलिस की कार्रवाई पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए, आलापुलिस अधिकारियों की निष्ठा पर भी सवाल उठाए गए। हैरानी इस बात की है कि इस पर भी सरकार खामोश रही। पुलिस के ऊपर इस तरह से उंगली उठाने वाले नेताओं पर सरकार की खामोशी से इस लड़ाई में हमारा ही नुकसान होगा। मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों को इस बात का भरोसा दिलाएं कि किसी भी सूरतेहाल में एक भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। नशे के कारोबार से जुड़े नशा माफिया और उनका सहयोग देने वाला कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। नशे के कारोबारियों के साथ जुड़ा हर आदमी कानून और समाज का अपराधी है और उसकी जगह सिर्फ जेल है।