IBEX NEWS,शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार सांय हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की हैै। इस हमले में कई पर्यटकों की मृत्यु हुई और घायल हुए हैं।

केंद्र कड़ी कार्रवाई करेगा, ऐसी आशा है। अब आतंकियों के साथ उसके आका को हमेशा के लिए लपेट देने का भी समय है।

आतंकियों ने किसी को भी नहीं छोड़ा और महिलाओं और बुजुर्गों समेत सैलानियों पर गोलीबारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चश्मदीदों ने सुरक्षाबलों को बताया है कि सेना की वर्दी में दो से तीन लोग आए थे गोलियां चलानी शुरू कर दी।

मुख्यमंत्री ने इस हमले को कायरता करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हैं। ऐसी शर्मनाक घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस बेहद दुखद घड़ी में हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं। हम इस अमानवीय घटना से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
- आतंकवादियों ने मंगलवार को किए कायराना हमले में 28 लोगों की मौत हो गई है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में छोड़कर लौट रहे हैं। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मंगलवार को ही घाटी पहुंच गए थे। आतंकियों ने यह हमला ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में किया था। इधर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भी पेरू यात्रा के बीच ही भारत लौटने की खबरें हैं।
- आतंकियों ने किसी को भी नहीं छोड़ा और महिलाओं और बुजुर्गों समेत सैलानियों पर गोलीबारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चश्मदीदों ने सुरक्षाबलों को बताया है कि सेना की वर्दी में दो से तीन लोग आए थे और बैसरन में वादियों का मजा ले रहे सैलानियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पीएम मोदी दिल्ली लौटकर कैबिनेट बैठक कर सकते हैं।
- शाह, पर्यटकों पर हुए हमले के कुछ घंटे बाद श्रीनगर पहुंचे और हवाई अड्डे से सीधे राजभवन पहुंचे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने गृह मंत्री के आगमन पर उन्हें जानकारी दी। इस समय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन डेका मौजूद थे। उसके बाद, शाह ने सेना, सीआरपीएफ और पुलिस सहित सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।


इस हमले के प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कुछ और जानकारियाँ सामने आई हैं. जैसे – ग्रुप में से दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे।पश्तो, यानी पश्तून लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा, जो पाकिस्तान के उस हिस्से में प्रमुखता से बोली जाती है, जिसकी सीमा अफ़ग़ानिस्तान से लगती है। साथ ही ये जानकारी भी सामने आई है कि दो आतंकी स्थानीय निवासी थे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों स्थानीय आतंकी क्रमशः त्राल और बेजबिहाड़ा के रहने वाले थे।सूत्रों के हवाले से आ रही जानकारियों की मानें, तो इन तमाम आतंकियों की सीमा पार पाकिस्तान के आर्मी कैंप में ट्रेनिंग हुई, ऐसा प्रतीत होता है. खबरों के मुताबिक, इन आतंकियों को लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद हैंडल कर रहा था, और आदेश दे रहा था।