रोज़मर्रा की तरह सुबह 13 वीं मंज़िल वाले आईजीएमसी शिमला की नई ओपीडी के ऐटिक पर सफ़ाई चल रही थी। कैंटीन संचालक और सफ़ाई कर्मचारी दोनों कैंटीन की सफ़ाई ख़त्म कर चुके थे कि भीतर संचालक काम कर रहा था कि अचानक सिलेंडर लीक हुआ तो सफ़ाईकर्मी ने हौसला रखा और नियंत्रण के पूरे प्रयास किए और इस दौरान बड़ा ख़तरा भाँप संचालक उलटे पाँव खिसक गया। सफ़ाई कर्मी ने भी हाथ खड़े किए ।
वहीं बाहर सफ़ाई कर रही महिला ने सिलेंडर पर पानी वाली तकनीक से पूरे दमख़म से आग रोकने की कोशिश की मगर नाकाम रही। आग ज़्यादा भड़क चुकी थी और एक के बाद एक सिलेंडर फटने से धमाके हुए।कैंटीन के साथ लिफ्ट कंट्रोल पैनल की मोट्टी दीवार ने चैम्बर्स में ज़्यादा आग भड़काने से रोकी तभी तो साथ लगते डॉक्टरों और प्रोफ़ेसरों के अधिकतरचैम्बर्स अग्निकांड से बच गए।
दूसरी और कैंटीन के बिलकुल सामने ऐटिक के कमरों में से एक कमरे में रिमेटोलॉजी की ओपीडी चल रही थी और टेलिनेडिसिन यूनिट भी। एकाएक धमाकों ने करोड़ों की नई नवेली बिल्डिंग को पूरी तरह हिला दिया बड़ी मुश्किल से जान बची। साँसत में इतनी ज़िंदगियाँ आख़िर नियमों को ताक पर किसने रखीं? ये जाँच का विषय है। तर्क ये कि कैंटीन चलाने के लिए यहाँ धरातल पर कोई नियम क़ानून काग़ज़ी तौर पर नहीं है? पूर्व सरकार की कार्यप्रणाली पर इस संबंध ने उँगलियाँ उठ रही है और सचिवालय में संबंधित विभाग की एक महिला नेता पर नियमों को तिलांजलि चढ़ाए जाने का नाम सता के गलियारे में सुर्ख़ियों में रहा और पूर्व सरकार से उनकी घनिष्ठता को लेकर चटकारे लगते रहे।
चर्चे रहे कि इस भवन कि ऐटिक पर कैंटीन का कोई डिज़ाइन ही नहीं। जहां कैंटीन चलाई जा रही है वो फ़ैकलिटी लाउंज है। जहां डॉक्टर , प्रोफ़ेसर्स अपॉइंटमेंट्स वालों या फ़ेकलिटी मेंबर्स चायपान कर सकते थे। ऑटोमैटिक कॉफ़ी या टी मशीनें रखने के लिए स्पेस रखा था और सरकार कि नज़दीकियों के चलते रसूखदारों ने यहाँ कैंटीन के रूप में बारूद का ढेर खड़ा कर दिया। ये महज़ सुगबुगाहट नहीं है बल्कि अग्निकांड के बाद जो छानबीन हुए हैं उससे ऐसी कड़वी सच्चाई बाहर आई है जब मामला पुलिस के पास पहुँचा है।
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पूरी बिल्डिंग में बिजली काटी गई है और अग्निशमन ने पानी की मोटी बौछारें की है तो टॉप फ्लोर पर रेडियोलॉजी की महँगी मशीनरियाँ हैं उनमें पानी घुसा होने की शंका जताई जा रही है लिहाजा पूरा सिस्टम इस भवन का गड़बड़ा गया हैं।
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आईजीएमसी के न्यू ओपीडी भवन में आग की घटना की जांच के आदेश: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के न्यू ओ.पी.डी. ब्लॉक की कैंटीन में आग लगने की घटना का विस्तृत ब्यौरा लिया। इस घटना में कोई भी व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है तथा कैंटीन के साथ लगते चिकित्सकों के कुछ चैंबर्ज को नुकसान हुआ है।