हिमाचल में आपदा के दौरान राहत कार्यों के दक्ष संचालन को देखते हुए वर्ल्ड बैंक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रयासों की सराहना की है।
IBEX NEWS, शिमला।
प्रदेश में बारिश से हर और तबाही का मंजर है और त्राहीमाम मचा है। जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आ रही है। शुक्रवार दोपहर बाद शिमला जिले के रामपुर में कॉलेज के सामने पूरा पहाड़ सड़क पर गिर गया। रामपुर के ही ज्यूरी में भी पूरी पहाड़ी किन्नौर को शिमला से जोड़ने वाले NH-5 पर पर गिरी।ग़नीमत ये रही कि इससे पहले सुबह के वक्त यह हाईवे झाखड़ी के पास अवरुद्ध हो गया था।ये पहाड़ बाद में धसक गए।
किन्नौर जिले का शिमला से पूरी तरह संपर्क कर चुका है। ब्रोनी खड्ड के पास NH का हिस्सा नदी में निरंतर टूट रहा है। वैकल्पिक सड़क लुहरी-ओट NH-305 भी कई स्थानों पर बंद पड़ा है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। खासकर LPG सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल व खाद्य सामग्री लेकर किन्नौर जा रहे ट्रक ऑपरेटर तीन दिन से जगह-जगह फंसे हुए हैं।
उधर, किन्नौर के ही नाथपा गांव की पहाड़ी से चार दिन से चट्टानें गिर रही हैं। बीती शाम यहां पहाड़ी का बड़ा हिस्सा टूटने से गांव पर खतरा पैदा हो गया। इसके बाद गांव में चार घरों को भी खाली करवाया गया। गांव में इससे दहशत का माहौल बना हुआ है।
दीगर हो कि प्रदेश में 5536 करोड़ रुपए की निजी व सरकारी संपत्ति बारिश की भेंट चढ़ चुकी है। 687 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 7029 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। 240 दुकानें, 2120 गौशालाएं और 103 लेबर शेड व पुल ध्वस्त हुए हैं। इससे हजारों लोग बेघर हुए हैं।प्रदेश में 24 जून से अब तक फ्लैश फ्लड और लैंड स्लाइड की चपेट में आने से 45 लोगों की जान जा चुकी है। 42 लोगों की मौत 7 से 11 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश के दौरान गई हैं।हिमाचल में आपदा के दौरान राहत कार्यों के दक्ष संचालन को देखते हुए वर्ल्ड बैंक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रयासों की सराहना की है। भारत में बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्ते तानो कौमे ने एक पत्र के माध्यम से निपटने को उठाए गए कदमों को उल्लेखनीय बताया। इसमें कहा गया कि जिस तरह प्रदेश सरकार ने जगह-जगह फंसे लोगों को रेस्क्यू किया और राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है।