नगर निगम ने इस मामले पर टीसीपी विभाग से स्पष्टीकरण जारी करने के लिए पत्र लिखा है।
विभाग से एटिक निर्माण से जुड़े 12 बिंदुओं पर स्पष्ट निर्देश जारी करने मांग की गई है। विभाग से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद ही नगर निगम एटिक निर्माण को लेकर आए नक्शों के आवेदनों पर फैसला ले पाएगा।
IBEX NEWS,शिमला।
राज्य सरकार के नए निर्देशों के अनुसार राजधानी शिमला में फिलहाल भवनों के एटिक के नक्शे पास नहीं होंगे। नगर निगम ने इस मामले पर टीसीपी विभाग से स्पष्टीकरण जारी करने के लिए पत्र लिखा है।
इसमें विभाग से एटिक निर्माण से जुड़े 12 बिंदुओं पर स्पष्ट निर्देश जारी करने मांग की गई है।नगर निगम ने टीसीपी को जो पत्र लिखा है, उसमें पूछा है कि जिन भवनों का पुराने नियमों के तहत एटिक समेत निर्माण पूरा हो चुका है और निगम से कंपलीशन भी हो चुकी है, क्या उन भवन मालिकों को नए नियमों के अनुसार दोबारा एटिक निर्माण की मंजूरी मिलेगी। कोर, ग्रीन और प्लानिंग एरिया में एटिक निर्माण के क्या नियम रहेंगे, जिनका एफएआर नहीं बचता उन्हें मंजूरी मिलेगी या नहीं। टीसीपी खुद ढाई मंजिला भवनों में ही नए नियमों के अनुसार एटिक निर्माण की मंजूरी दे रहा है, तो क्या शहर में भी सिर्फ ढाई मंजिलों वाले भवनों को ही यह सुविधा मिलेगी।
ओल्ड लाइन पर पास हुए नक्शों को यह सुविधा मिलेगी या नहीं, इस पर भी निर्देश जारी करने को कहा है। विभाग से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद ही नगर निगम एटिक निर्माण को लेकर आए नक्शों के आवेदनों पर फैसला ले पाएगा। प्रदेश सरकार ने हाल ही में भवनों के एटिक को रिहायश के तौर पर इस्तेमाल करने को मंजूरी दी है। इस फैसले के अनुसार भवनों में एटिक की ऊंचाई अब 3 से 3.50 मीटर तक हो सकती है। पहले एटिक की ऊंचाई 2.75 मीटर निर्धारित थी। एटिक को रिहायशी नहीं माना जाता था। लेकिन सरकार के नए फैसले से भवन मालिक अब एटिक को भी रिहायश के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। शहर में कई लोगों ने अपने एटिक निर्माण को लेकर नगर निगम के पास आवेदन किया है।इस बाबत अब टीसीपी से स्पष्टीकरण आने के बाद ही फैसला हो पाएगा।
शिमला शहर में हर साल 600 से ज्यादा भवनों के नक्शे पास होते हैं। इन्हें ज्यादातर रिवाइज नक्शे शामिल रहते हैं। शहरवासी भी सरकार के नए फैसले के अनुसार अपने एटिक की ऊंचाई बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए निगम से संपर्क कर रहे हैं। निगम का कहना है कि लोग इसके लिए आवेदन दे सकते हैं। अगले कुछ दिन में विभाग से जैसे ही स्पष्टीकरण मिलेगा, इन पर फैसला लिया जाएगा।