IBEX NEWS,शिमला।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज बतायाकिया कि एसजेवीएन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों के लिए 1349.84 करोड़ रूपए का कर पश्चात् लाभ (पीएटी) दर्ज किया है जो गतवित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 37.98 % अधिक है।
आज कंपनी की बोर्ड बैठक के बाद संबोधित करते हुए , शर्मा ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए कर पश्चात लाभ में 25.06 % की वृद्धि हुई है, जो कि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 232.67 करोड़ रूपए की तुलना में 290.98 करोड़ रूपए है।
नन्द लाल शर्मा ने कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों और कड़ी मेहनत की सराहना की। “यह सकारात्मक विकास प्रतिशतता हमारी परिचालन इकाइयों के इष्टतम उपयोग, उत्कृष्टता के लिए अथक प्रयास , सर्वोत्तम वित्तीय प्रथाओं को अपनाने और कंपनी के पोर्टफोलियो में क्षमता वृद्धि पर रणनीतिक फोकस का परिणाम हैं।”
शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन की नेट वर्थ जो गत वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत पर 13581.36 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के अंत में बढ़कर 14261.09 करोड़ रुपए हो गई है। एसजेवीएन ने गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 38.15% की वृद्धि दर्ज करते हुए अपनी प्रति शेयर आय (ईपीएस) में भी वृद्धि की है। इसी प्रकार, कंपनी ने कर पूर्व लाभ (पीबीटी) में 11.37% की वृद्धि दर्ज की है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान एक उत्कृष्ट वित्तीय निष्पादन प्रदर्शित करते हुए, कंपनी ने इन तीन तिमाहियों के दौरान परिचालन से 2715.48 करोड़ रुपए का कुल राजस्व अर्जित किया है।
इस वर्ष 3 जनवरी को भारत केमाननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एसजेवीएन की 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर विद्युत परियोजना की आधारशिला रखी । उन्होंने आगे कहाकि माननीय प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने एक प्रमुख प्रगति के रूप में हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के लिए 2614 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी प्रदान की है।
वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट की स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, एसजेवीएन ने अपने बिजनेस मॉडल को पुनर्गठित किया है और अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो पर विशेष बल दिया है। एसजेवीएन की किट्टी में विभिन्न जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को जोड़ने के परिणामस्वरूप वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए साझा विजन में वृद्धि की है।