रामपुर शिमला में 6साल के बच्चे की इंजेक्शन से मौत्त।नर्स पर गंभीर आरोप।10 मिनट में ही दवा का असर दिखने लगा।आईजीएमसी में शिफ्ट किया मगर नहीं बचा पाये। वायरल निमोनिया की शिकायत पर पेरेंट्स लाए थे अस्पताल।

Listen to this article

IBEX NEWS,शिमला।

शिमला के रामपुर ख़नेरी में एक 6 साल के बच्चे की इंजेक्शन लगने के मौत हो गई। मृतक के पिता ने आरोप लगाते हुए खनेरी अस्पताल की नर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है। आरोप है कि नर्स को सही इंजेक्शन का पता था, फिर भी उसने गलत इंजेक्शन लगा दिया।

रामपुर थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार, किन्नौर जिले की सांगला तहसील के कनाई गांव निवासी सेमल सिंह ने शिकायत दी है। शिकायत के अनुसार, सेमल 3 फरवरी को अपने 6 वर्षीय बेटे अरिंदम को खांसी होने पर अस्पताल में इलाज कराने आए थे। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. हरीश नेगी ने जांच की। उन्होंने बताया कि पर्ची पर दवाइयां लिखीं और उसे एडमिट करने के लिए कहा। वायरल निमोनिया ,सस्पेक्टेड कोविड के लिए आईपीड़ी सलाह दी।

आईपीडी यानी दाखिल होने के बाद अस्पताल में उपचार शुरू हुआ । पर्ची परामर्श से नर्स स्टाफ ने इंजेक्शन की बात कही।अस्पताल में बच्चे के साथ दाखिल और मरीजो को भी इंजेक्शन लगने थे। सीनियर स्टाफ ने एक जूनियर नर्स को ज़िम्मेवारी दी और इसी बीच किसी का इंजेक्शन किसी को लग गया। इंजेक्शन के बाद बच्चे को RTPCR टेस्ट के लिये जैसे ही माता पिता आईपीडी से बाहर ही निकले थे कि दस मिनट में ही मासूम बच्चे में दवा के परिणाम दिखने लगे ,बचे को शिमला आईजीएमसी पहुँचाया और कार्डियोलॉजी इलाज के दौरान 6 फ़रवरी को प्राण पखेरू हो गए।

रामपुर में उस दिन हालाँकि स्टाफ के बीच सुगबुगाहट रही है कि गलती हो गई। अब मामला गर्माता देख अब कोई ये मानने तक तैयार नहीं है कि किस नर्स ने कौन सा इंजेक्शन लगाया।एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।विशेषज्ञों का मानना है कि ये कन्फर्म नहीं हो सकता कि किस इंजेक्शन से बच्चे कि मौत्त हुई।

बच्चे के अभिभावक परेशान है कि आख़िर साधारण खांसी से मासूम की जान पर कैसे बन गई?

“6 साल के बच्चे की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन जल्द कमेटी गठित करके जांच शुरू करेगा।”
– डॉ पदम शर्मा , कार्यकारी MS ख़नेरी अस्पताल रामपुर-