IBEX NEWS,शिमला।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत स्वीकृति के मामलों की सभी बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए ताकि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य शुरू किया जा सके।
उन्होंने कहा कि एफसीए और एफआरए के मामलों में मंजूरी की प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंट ऑर्गनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से उपयोगकर्ता एजेंसियों को ठोस सहायता (हैंडहोल्डिंग) प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत वन भूमि को गैर वनीकरण उद्देश्यों में परिवर्तित करने संबंधी मंजूरी शीघ्र प्राप्त करने के दृष्टिगत भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के सहयोग से उपलब्ध हैंडहोल्डिंग एजेंसियों के माध्यम से कम से कम समय में प्रक्रिया शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का एक स्वायत्त निकाय है और अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन फोरम से संबद्ध है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ एजेंसियां भारत सरकार से वन मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने में उपयोगकर्ता एजेंसियों की मदद कर सकती हैं। मान्यता प्राप्त फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंट ऑर्गनाइजेशन के रूप में जानी जाने वाली इन एजेंसियों के पास विशेषज्ञता होनी चाहिए और प्रक्रिया को समयबद्ध पूरा करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित कड़े मानदंडों और गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि एफसीसीओ की मान्यता से एफसीए अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाकर राज्य में विकास को गति प्रदान करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ नई दिल्ली में आयोजित बैठक सार्थक रही है और उन्होंने राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नज़ीम, प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन एवं वन बल प्रमुख के वी. के. तिवारी और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।