• 24*7 पानी की परियोजनाओं हमारी श्रेय लेना चाहे तो ले ले
• हस्ताक्षर अभियान और आक्रोश रैलियों से घबराई कांग्रेस
• 10 साल की खरीद मामले की बात करें तो 5 साल कांग्रेस की सरकार भी सत्ता में थी
IBEX NEWS,शिमला।
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सती ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि हम बताना चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में अगर चौबीस घंटे पानी की स्कीम अगर कोई सरकार लेकर आई तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ,अगर इन परियोजनाओं का श्रेय कांग्रेस लेना चाहती है तो वह ले, पर जनता सब जानती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए गए हस्ताक्षर अभियान से भयभीत हो चुकी है और जिस प्रकार से भाजपा को धरातल पर इस अभियान को लेकर समर्थन मिला है उससे कांग्रेस डामाडोल हो गई है।
जिस प्रकार से जिला आक्रोश रैलियों में जनता निकल कर आ रही है और पूरे प्रदेश भर में इस रैलियों को लेकर जनता में अद्भुत जोश है उससे भी इस सरकार के नेता घबरा गए हैं।
अगर स्कूल बंद करने की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलूंगा, आज अपने कद्दावर नेता के वाक्य से ही मुकर रहे है यह कांग्रेस नेता।
एक बच्चे की शिक्षा भी महत्वपूर्ण होती है।
सत्ती ने कहा की जो बसों की खरीद के आरोप मुकेश अग्निहोत्री भाजपा पर लगा रहे है वह निराधार है, इस मुद्दे पर वाइट पेपर लेकर आएं मुकेश अग्निहोत्री। व्हाइट पेपर का पूर्ण जवाब भाजपा देगी।
जैसे कि इनके मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि कर्ज के विषय पर यह सरकार वाइट पेपर लेकर आएगी, जिसका जवाब भाजपा सड़कों से लेकर विधानसभा तक देगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुद कहा कि 10 साल में जो भी बसें खरीदी गई है उसमें गड़बड़झाला है पर अगर यह 10 साल की बात कर रहे हैं तो इनकी सरकार भी 5 साल सत्ता में रही थी , जब स्वर्गीय वीरभद्र जी प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री थे।
सती ने जारी बयान ने पूछा है कि मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल में लगे वोटर सेस की बात भी कर रहे हैं पर इसमें इन्होंने एक अध्यक्ष और चार सदस्य बनाने की बात की है, क्या यह अपने चहेतों को एडजस्ट करना चाहते हैं ?पहले मुकेश अग्निहोत्री स्पष्ट करें?
उन्होंने कहा कि एक जगह तो यह संस्थानों का विलय कर रहे हैं और एक जगह यह नए कमीशन बनाने की बातें कर रहे हैं। तो क्या यह एक सरकार की दोहरी बातें नहीं है?