खाओ खाओ,ख़ाना खुलकर खाओ। जैसे आप खाते हों न ,शर्माते नहीं। आज तुम्हारे अधिकारों के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में क़ानून ला रहा हूँ।उस पर अप्रूवल के बाद सदन ने चर्चा होनी है और फिर क़ानून लाया जाएगा जिसने तुम्हारे अधिकार सरंक्षित होंगे। ।मुख्यमंत्री ने बालिका आश्रम की बच्चियों के साथ विधानसभा परिसर में लंच किया और अभिभावक की तरह उनसे गपशप की।सीएम के आग्रह पर कार्यवाही देखने पहुँची थी। एक ही तबके पर बैठी बच्चियों से सीएम ने कार्यवाही के बारे में भी पूछा कि आपको कार्यवाही कैसी लगी,? नारे लगे? देखा यहाँ क़ानून कैसे बनते हैं?जी सर ,हाँ में हाँ मिलाती गई बालिकाओं की सीएम ने हौसलाअफ़जाई भी की।दरअसल आज सेशन के बाद शाम पाँच बजे कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है उसमें बालिका आश्रम में रह रहीं बेटियों के अधिकारों के संरक्षण को क़ानून पर मंत्रणा होनी है और स्वीकृति की मुहर भी लग सकती हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का अनाथ बच्चों के प्रति स्नेह आज एक बार पुनः देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर बालिका आश्रम टूटीकंडी के 69 बच्चे आज विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचीं। इन बच्चों ने पहली बार विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही देखी। विधानसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे बच्चे बहुत खुश व उत्साहित नजर आए। बाद में इन बच्चों ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ दोपहर भोज का आनंद भी लिया।
मुख्यमंत्री प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से ही अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय जाने की बजाय बालिका आश्रम जाकर उनसे बातचीत की। प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना’ आरंभ की है, जिसके लिए 101 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दिया है, जबकि सभी कांग्रेस के विधायकों ने एक-एक लाख रुपये का अंशदान दिया है।