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भूख हड़ताल और 10जून को शिमला में प्रस्तावित उग्र आंदोलन प्रस्तावित

पब्लिक प्लेटफार्म पर घोषणा करने का सीएम ने दिया भरोसा,कहा शीघ्र होगा पे स्केल जारी, बंद करो हड़ताल,महासंघ ने जताया आभार।

मनजीत नेगी/IBEX NEWS, शिमला

हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में नए पे स्केल को जारी करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सैंकड़ों शिक्षकों की मांग को आखिरकार प्रदेश सरकार ने मान लिया।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के आश्वासन के बाद अब भूख हडलाल और 10जून को होने वाले आंदोलन को स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है शीघ्र राज्य सरकार इस मामले पर सकारात्मक रुख अख्तियार करेगी।जनता के बीच इस संबंध में घोषणा होगी। ऐसे आश्वासन के बाद शिक्षकों ने अपनी भूख हड़ताल पर विराम लगाया है और प्रदेश सरकार का आभार जताया है।

8जून को एचजीसीटीए अध्यक्ष डॉक्टर धर्मवीर सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्री गोविंद राम ठाकुर से मिले है और अपनी लंबित मांग पर अवगत कराया उन्होंने फिर भरोसा दिया था। उसके बाद डॉक्टर धर्मवीर सिंह की अध्यक्षता में शिक्षकों ने मामले पर सीएम को अवगत कराया और विनती की कि यूजीसी पे स्केल तथा एम फिल, पीएचडी इंक्रीमेंट घोषित किया जाए। इसके बाद सीएम ने पब्लिक प्लेटफार्म से इस संबंध में घोषणा करने को कहा है। हालांकि महासंघ ने जुलाई महीने से यूजीसी स्केल रिलीज करने को कहा है। सीएम ने महासंघ को हड़ताल खत्म करने को कहा और शीघ्र ही स्केल जारी करने का भरोसा दिया।इसलिए ये निर्णय लिया गया है कि शिमला में 10जून को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन नहीं होगा ।सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा कि यदि मामला सुलझा नहीं तो भविष्य में उग्र आंदोलन होगा। कॉलेजों में होने वाली विभिन्न कक्षाओं की छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया को भी रोका जाएगा और अकादमिक गतिविधियों पर भी मायूसी बरती जाएगी। सीएम के आश्वासन के बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने निर्णय किया है फिलहाल विरोध स्थगित किया जा रहा है।

दीगर हो कि राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के आह्वान पर यूजीसी के जनवरी 2016 से देय नए पे स्केल की मांग को लेकर कॉलेजों के शिक्षक बीते एक माह से आंदोलनरत रहे हैं।

प्रदेश भर के कॉलेजों में करीब सैंकड़ों शिक्षकों ने

भूख हड़ताल की। हालांकि, शिक्षकों ने कॉलेजों में यूजी की परीक्षाओं की ड्यूटी को जारी रखा। राजधानी के संजौली कॉलेज में संघ के महासचिव डॉ. राम लाल शर्मा की अगुवाई में कॉलेज शिक्षकों ने भूख हड़ताल की। डॉ. राम लाल और अन्य शिक्षकों ने कहा कि छह बार मुख्यमंत्री के समक्ष पे स्केल को लागू करने की मांग को उठाया गया, शिक्षा मंत्री से भी मांग उठाई गई। इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। भाजपा शासित अन्य प्रदेशों में यूजीसी के निर्णय को साल 2018 से ही लागू कर दिया गया है। राज्य बचा है, जिसमें यूजीसी पे स्केल को लागू नहीं किया जा रहा है। प्रदेश सरकार पौने दो लाख राज्य कर्मचारियों को नया वेतनमान दे रही है। विवि और कॉलेज शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान को लागू नहीं किया जा रहा है। इस आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए कॉलेज शिक्षक 12:30 से दोपहर 1:30 बजे तक रोजाना कॉलेज स्तर पर एक घंटे का धरना दे रहे थे। राजधानी के कोटशेरा, आरकेएमवी सहित पूरे प्रदेश भर के कॉलेजों में यह आंदोलन हो रहा था।

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