जंगी के चिलगोजा जंगल में लगी भीषण आग से गांव को खतरा। 2 किलोमीटर करीब पहुंची आग।

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करोड़ों रुपए की वन संपदा अब तक खाक,रात भर से ग्रामीण जूझ रहे है आग बुझाने।

प्रधान,उपप्रधान ने लोगो से सहयोग की अपील की है।

आस पास की पंचायतों के लोग पहुंचने लगे है।

महिलाएं भी पीछे नहीं।

मनजीत नेगी/IBEX NEWS, शिमला

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के जंगी के जंगल में भीषण आग ने तबाही मचा दी है।बीते कल दोपहर को लगी आग का खतरा अब गांव को भी है। करीब 2किलोमीटर दूर तक आग पहुंच गई है।तेज हवा और शाम के समय उठ रही आंधी इस आग में घी का काम कर रही है ।

भारत के इस इकलौते जंगल चिलगोजा आरक्षित वन जंगी कोरती खाना पूरी तरह से स्वाह हो रहा है।इसके साथ दुर्लभ वन्य जीव जंतु भी आग में जलकर भस्म हो रहे है।

तपती गर्मी में बारिश का तो यहां सवाल ही नही। गांव के लोग रात भर आग पर काबू पाने की कोशिश करते है। गांव में करीब 200 घर है। अधिकतर लकड़ी के घर है और लोगो को चिंता सता रही है कि आग गांव पहुंची तो तबाही मच सकती है।

रविवार सुबह तक करीब 200हेक्टेयर तक चिलगोजे का जंगल खाक हो चुका है। करोडो ₹की वन संपदा ये बताई जा रही है।अब गांव की और बढ़ रही आग को काबू करने के लिए पंचायत ने आस पास के गांव और पंचायतों से भी अपील की है आए और सहयोग करे।

हालांकि पास के कुछ गांव से स्वयं ही लोग आग बुझाने पहुंचे और रात भर मशक्कत करते रहे। सेब के बगीचों के बाद चिलगोजा का जंगल ही गांव वालों की आर्थिकी को और मजबूत करता है।पूरे भारत में इसी बेल्ट में ही चिलगोजा के घने जंगल है।

इसके बाद अफगानिस्तान आदि इलाकों में फिर ये जंगल है। चिलगोजा 2000से5000रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है। लोग इन जंगलों की रक्षा स्वयं करते है। आज भीषण आग से लोग मायूस है और आग के कारणों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।

पूह खंड की इस पंचायत के प्रधान श्याम गोपाल नेगी और उप प्रधान चंद्र कुमार नेगी ने बताया कि भारत तिब्बत सीमा सुरक्षा बलों के जवानों सहित लगभग 200लोग आग बुझाने के काम में लगे है। अग्निशमन विभाग महज दिखावे के लिए यहां उपकरण ,स्टाफ उपलब्ध करवा पाया है।

प्रशासन की चुस्त कार्यशैली पर भी यहां उंगलियां उठ रही है।लोग स्वयं सोशल मीडिया के जरिए अपील कर रहे है की कृपया अधिक संख्या में लोग आओ और सहायता करो।

हालांकि महिलाएं भी पीछे नहीं है ।

लोगो के खाने पीने ब्रेकफास्ट का जिम्मा यहां महिलाएं संभाल रही है। सब मिलकर इस आपदा से निपटने की कोशिश कर रहे है।

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