मौसम के कड़े तेवरों के बावजूद BRO ने इस साल समय से पहले बहाल किया मार्ग।समदो काजा ग्राम्फु जिला किन्नौर ,स्पीति को लाहौल घाटी से जोड़ती है।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश के शीतमरुस्थल से निकलती हुई चालीस किलोमीटर लंबी बातल से ग्राम्फु सड़क को BRO सीमा सडक़ संगठन ने बहाल कर दिया है।
छोटा शिंगरी ग्लेशियर,चेनाब व्यू,छत्रु,पाब्लो वॉटरफॉल जैसी खूबसूरत घाटियों,वादियों के दीदार अब इस मौसम में संभव कर दिया हैं। फ़ोर बाय फोर वाहनों के लिए ये मार्ग 18 मई से खुल गया हैं।
मौसम के कड़े तेवरों के बावजूद BRO ने इस साल समय से पहले मार्ग बहाल कर दिया ।आगे जाकर ये मार्ग चन्द्रताल झील तक पहुँचाता है। बातल से ग्राम्फु 94 आरसीसी के तहत है और समदोह/क़ाज़ा 108 आरसीसी के तहत है।
इस साल दो सप्ताह पहले ही BRO ने इसे खोलने में कामयाबी हासिल की है। मौसम के लंबे समय तक रहे ठंडे मिज़ाज और भारी बर्फ़बारी के कारण ये सड़क मोटी बर्फ की चादर ओढ़े थी और शीतमरुस्थल के बीचोंबीच दबे इस मार्ग पर ही छोटा शिगरी ग्लेशियर लगभग 16 वर्ग किलोमीटर (6.2 वर्ग मील) क्षेत्र में फैला है। छोटा शिगरी ग्लेशियर धारा का कुल जल निकासी क्षेत्र लगभग 35 वर्ग किलोमीटर (14 वर्ग मील) है। ग्लेशियर का पिघला हुआ पानी एक सीमित धारा में बहता है और चंद्रा नदी से मिलता है।
यह पूरा मार्ग पर्वतीय भूभाग में स्थित है। यह कई जगह ठंडी बर्फीली जलधाराओं से गुजरता है। ज्यादातर जगह कोई पुल भी नहीं है। ये जलधाराएं सीधे ग्लेशियरों से आती हैं और इनका बहाव बड़ा तेज होता है। एक बार जब आप रोहतांग दर्रे को पार कर लोगे और लाहौल-स्पीति में चन्द्रा घाटी में प्रवेश कर जाओगे तो भू-दृश्य बड़ी तेजी से बदलता है। यहाँ चूँकि बारिश नहीं होती इसलिए हरियाली भी नहीं है। पहाड़ भूरे और शुष्क हो जाते हैं। इसके बावजूद पर्वतों की चोटियां बर्फ से ढकी रहती हैं और धूप में खूब चमकती हैं। यह मार्ग मुख्यतः दो लेन वाला है लेकिन कहीं-कहीं एक लेन भी है। कहीं भी डिवाइडर नहीं है। कुछ जगहों पर सड़क ख़राब भी है। पहाड़ी मार्ग होने के कारण गाड़ियां तेजी से नहीं चलाई जा सकतीं। अगर ऐसा किया तो दुर्घटना होनी तय है। यहाँ यात्रा करने का आनंद लेह पहुँचने के आनंद से कहीं ज्यादा है। पूरे मार्ग पर शानदार और हैरतअंगेज दृश्य आपका मन मोह लेंगे।
बाइकर्स इस रास्ते में अधिक पहुँचते है।सबसे अधिक यात्री मई और जून में इस और घूमने आते है। गर्मियों में भी ये इलाका भारी बर्फ से ढका रहता है। अक्तूबर महीने से ये मार्ग बंद हो जाता है।
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94 आरसीसी जीआरईएफ अधिकारी BD Dhiman ने बताया कि 11 दिन पहले बातल से ग्राम्फु सड़क को बहाल कर दिया है। इस सड़क का नाम समदो काजा ग्राम्फु है जो जिला किन्नौर की स्पीति घाटी को लाहौल घाटी से जोड़ती है और पिछले वर्ष यह मार्ग 29 मई को बहाल हो पाया था।
धीमान BRO के ये ऐसे अधिकारी है जिन्हें डीजीबीआर द्वारा 03 बार, भारत सरकार द्वारा एक बार और हिमाचल के राज्यपाल द्वारा भी एक बार सम्मानित किया गया है। इनका कहना है कि बेहतर टीमवर्क, कठिन परिश्रम से ऐसा संभव हो पाया है । हम तत्पर है और पूरी टीम ग्राउंड में जुटी रही।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से सम्बन्ध रखने वाले बीडी धीमान सहायक अभियंता (सिविल) को हिंदोस्तान – तिब्बत मार्ग पर 9 वर्ष का काम करने का तजुर्बा है।