हिमाचल: CM सुक्खू के आदेशों को ठेंगा, पार्टी कार्यालय में नहीं बैठ रहे मंत्री, सचिवालय में बैठने से भी गुरेज, मंत्रियों के गायब रहने से अफसरशाही के मौज, जनता किससे करें फरियाद, पढ़ें विस्तार से..

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री कांग्रेस कार्यालय में नहीं बैठ रहे। इससे कांग्रेस कार्यकर्ता और आम जनता अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष नहीं उठा पा रहे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हर महीने बारी-बारी एक-एक मंत्री को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में बैठने के निर्देश दिए थे। मगर, इन आदेशों की किसी को परवाह नहीं है।
जनता की समस्याओं के समाधान के मकसद से बीते 2 मार्च को मुख्यमंत्री सुक्खू खुद कांग्रेस कार्यालय में बैठे थे। तब उन्होंने मंत्रियों को कांग्रेस कार्यालय में बैठाने का ऐलान किया था, ताकि आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता अपनी समस्याएं मंत्रियों के समक्ष रख सकें। मगर, अप्रैल और मई महीने में कोई भी मंत्री कांग्रेस कार्यालय में नहीं बैठा। यानी मुख्यमंत्री के आदेशों को मंत्री हल्के में ले रहे हैं।
सुक्खू कैबिनेट में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री समेत 8 मंत्री धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह व विक्रमादित्य सिंह हैं। इनके दफ्तर में बैठकर समस्याएं सुनने से जनता को अपनी शिकायत सरकार के समक्ष उठाने का मंच मिलेगा।प्रदेश सचिवालय में हर व्यक्ति सीएम या मंत्री से मुलाकात आसानी से नहीं कर पाता, क्योंकि सचिवालय में बिना एंट्री पास के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता। ऐसे में यदि मंत्री कांग्रेस कार्यालय में बैठेंगे तो जनता आसानी से अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष उठा पाएगी।

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प्रदेश सचिवालय में भी ज्यादातर मंत्री रोजाना दफ्तर में नहीं बैठ रहे। कई मंत्री सिर्फ कैबिनेट मीटिंग के लिए शिमला आते हैं और अगले ही दिन सचिवालय से नदारद हो जाते हैं। इससे विभिन्न विभागों की फाइलें कई-कई दिन तक लंबित रहती हैं। मंत्रियों के सचिवालय में नहीं बैठने से प्रदेशभर से उनसे मिलने शिमला आने वाले लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है।

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सरकार बनने के 6 महीने के भीतर इस तरह के संकेत अच्छे नहीं हैं। विपक्ष में रहते हुए पार्टी के नेता पूर्व की जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को भी सचिवालय में नहीं बैठने को लेकर कोसते रहे हैं। अब सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री खुद इसी राह पर हैं। खासकर मुख्यमंत्री सुक्खू जब खुद प्रदेश से बाहर हों तो ज्यादातर मंत्री सचिवालय से गायब हो जाते हैं। मंत्रियों से मिलने वाले लोग जैसे ही सचिवालय में प्रवेश करते हैं, वहां मंत्रियों के ना मिलने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है ।

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