BREAKING:चीन बॉर्डर पर फँसे सेना के हेलीकॉप्टर ने 11 अस्वस्थ सैनिको को सुरक्षित निकाला।पर्यटकों, भेड़पालकों ,स्थानीय लोगों के लिए भी देवदूत बनकर आई वायुसेना। छितकुल से बीस से पच्चीस किलोमीटर आगे 13000 -15000 Ft ऊँचाई पर स्थित खान दुमती,व निथल थाच में 1.95 टन राशन व आवश्यक दवाईयां हेलीकॉप्टर से पहुंचाई।

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भारी बारिश के कारण हुये भूस्खलन से किन्नौर जिला के सांगला घाटी के कई गावं व सीमावर्ती क्षेत्रों की सेना व अर्द्ध सैनिक बलों की चौकिया के रास्ते पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं ।


IBEX NEWS,शिमला।

भारत चीन बॉर्डर के समीप फँसे पर्यटकों, भेड़पालकों ,स्थानीय लोगों के लिए आज वायुसेना देवदूत बनकर आई।छितकुल से बीस से पच्चीस किलोमीटर आगे 13000 -15000 फुट ऊँचाई पर स्थित खान दुमती,व निथल थाच में 1.95 टन राशन व आवश्यक दवाईयां हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई।भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से किन्नौर जिला के सांगला घाटी के कई गावं व सीमावर्ती क्षेत्रों की सेना व अर्द्ध सैनिक बलों की चौकिया के रास्ते पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं ।

स्थानीय वासियों कहना है कि कंडे में भेड़ बकरियाँ इन दिनों है सर्दियों से पहले तक गर्म इलाकों के लिये रूखसत करते हैं।भारी भूस्खलन से कंडे की और जाने वाले रास्ते बंद है। लिहाज़ा लोग यहाँ फँसे हुए थे।

जिनमें कई बीमार थे।आज वायुसेना के जवानों ने उन लोगों तक दवाइयाँ और आवश्यक वस्तुएँ पहुँचाई।

भारतीय वायुसेना के जवानों द्वारा प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों निकालने, स्थानीय लोगों ,भेड़ पालको को राशन व दवाइयां पहुंचाने का कार्य निरन्तर जारी है।
उल्लेखनीय है कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर से पिछले दिनों बर्फ में चन्द्रताल झील में फंसे बच्चों व बजुर्ग पर्यटको, के अलावा कुल्लू जिले में भूस्खलन के चलते विश्व से कट चुकी आधा दर्जन पंचायतों में राशन, दवा के अतिरिक्त राहत सामग्री पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।यही नही ऊंची चोटियों में फंसे भेड़ पालको को राशन के अतिरिक्त मोटा नमक भी पहुंचाया था।

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