सुख की सरकार NHM कर्मचारियों का दुख नहीं समझ पाई : विवेक

Listen to this article

  • भाजपा ने जांच की मांग की, पुलिस और ह्यूमन राइट का है मामला

IBEX NEWS,शिमला।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने रविवार को शिमला से जारी जानकारी में कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य सचिव के ऊपर NHM के तीन कर्मचारी जिनमें एक महिला भी है, जो अनुबंध पर कार्यरत है, ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस संदर्भ में उन्होंने अपनी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखने का भी दावा किया है। उसके पश्चात भी अभी तक सरकार की ओर से कोई भी स्पष्टीकरण नहीं आया है।
जबकि इन कर्मचारियों के वक्तव्य के अनुसार इन्हें स्वास्थ्य सचिव के घर का काम करने के लिए विवश किया जाता। इन कर्मचारियों को एनएचएम के मानदेय पर प्रातः 8:00 से रात्रि 8:00 तक काम करना पड़ता था।

उन्होंने जारी बयान में कहाहै कि एक संवाद का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है जिसमें अधिकारी द्वारा कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अन्य नौकरी की तलाश करने को कहा जा रहा है। यह ऑडियो निंदनीय है।

भाजपा ने पूछा की कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी प्रार्थना के पश्चात अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
महिला कर्मचारी का यह बयान के स्वास्थ्य मंत्री ने दोबारा स्वास्थ्य सचिव से मिलने को कहां है, स्वयं मंत्री की विभागीय लाचारी को भी दर्शाता है।
जबकि यह सीधा सीधा पुलिस हस्तक्षेप और ह्यूमन राइट का मामला बनता है। स्वास्थ्य सचिव की ऑडियो रिकॉर्डिंग की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा की इस मामले को दबाने के पीछे सरकार की क्या मंशा है। एन.एच.एम केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाला प्रोजेक्ट है। आखिर उसके कर्मचारियों को सचिवालय नियुक्त करना डायरेक्टर एनएचएम पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
15 सो रुपए की गारंटी देने वाली सरकार, 35 किलोमीटर का सफर करके रोजगार तलाश करने वाली महिला कर्मचारियों को इंसाफ तक देने में असमर्थ साबित हो रही है। यह प्रकरण प्रदेश के कर्मचारियों में अविश्वास की भावना उत्पन्न कर रहा है। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के उपयोग और दुरुपयोग अपने आप में सवालों के घेरे में है।

भारतीय जनता पार्टी इस पूरे विषय को लेकर प्रदेश सरकार का रुख जानना चाहती है। भाजपा निष्पक्ष जांच की मांग करती है और जब तक जांच हो तब तक संबंधित डायरेक्टर एन.एच.एम व सचिव स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेजना चाहिये और सरकार के मंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए।
यह सुख की सरकार में व्यवस्था परिवर्तन नहीं उत्पीड़न का दर्पण दिख रहा है जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है।

WhatsApp Group Join Now