शिमला में बारिश के ज़ख्मों से त्राहिमाम -त्राहिमाम।करोड़ों की लागत से तैयार IGMC की नई ओपीडी के साथ एक निजी घर का बरामदा आधी रात को ढहा।मकान मालिक ने दरवाज़े खटका खट्का कर बाहर निकाले कई डॉक्टर परिवार।हवा में लटका घर,बरामदा ढहा।

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IBEX NEWS,शिमला।

शिमला में बारिश से त्राहिमाम -त्राहिमाम हो रहा है। लोग घरों में सहम गए हैं।शिमला में भवनों को गिरने का ख़तरा मंडरा रहा है।करोड़ों की लागत से तैयार IGMC की नई ओपीडी के साथ एक निजी घर का बरामदा आधी रात को ढहा।मकान मालिक ने दरवाज़े खटका खट्काकर अधिकतर किरायेदार डॉक्टरों को सुरक्षित बाहर निकाला। क़रीब 6 डॉक्टर परिवार इस भवन में किराए पर रह रहे थे। जिन्हें अपना सामान तक निकालने का मौका नहीं मिल पाया और भवन का अगला हिस्सा हवा में झूल रहा है। इनके घरों का सारा सामान अंदर है।बारिश के बीच चिकित्सक परिवारों ने शिमला में रह रहे अपने रिश्तेदारों के यहाँ पनाह ली है। आईजीएमसी प्रशासन इन सब से इतर ऐसे चिकित्सकों को इस सुरत ए हाल में भी मैरिड कपल हॉस्टल नहीं दे रहा है ऐसे गंभीर आरोप लग रहे है।

भारी बरसात के बाद शिमला में पहली बार एक साथ कई भवनों पर ख़तरा बन रहा है।शिमला के सर्कुलर रोड़ को भी जगह जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद करना पड़ा है। यही हाल गवर्नर हाउस, KNH, US क्लब व शहर की अन्य सड़कों का है। लैंडस्लाइड के कारण शिमला की कई कॉलोनियों में लोग दहशत में है।

कृष्णानगर में अब तक 35 से ज्यादा मकान खाली कराए गए। वहीं समरहिल और हिमलैंड में भी बहुमंजिला बिल्डिंग खतरे की जद में आ गई। लोअर समरहिल में MI भवन के साथ चार मकान और हिमाचल में दो मकान को खतरा पैदा हो गया है।टॉलैण्ड स्तिथ शहरी विकास विभाग के मुख्यालय UD भवन को ख़ाली करवाया है । इस भवन के पीछे से पहाड़ से लगातार भूस्खलन हो रहा हैं। जाखू में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से नीचे सड़क में डेढ़ से दो फुट की दरारें पड़ी है।यहाँ पेड़ों को काट दिया है।सात भवनों को ख़ाली करवाया है ।विकासनगर में भ्राता सदन के पास सड़क पर बड़ी दरार है।isbt से टूटीकंडी की सड़क के बीच में काफ़ी लंबी दरार है।

मानसून में भारी वृष्टि से राजधानी शिमला के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। रविवार से हो रही वर्षा से राजधानी में तीन स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है।

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हिमाचल की राजधानी शिमला में तबाही जारी है। लोगों के घरों पर पेड़ और पहाड़ खतरा बनकर मंडरा रहे हैं।बैनमोर में भी 10 परिवार एहतियातन दूसरी जगह शिफ्ट किए गए है। ​​​​​​गवर्नर हाउस के साथ ​बैनमोर में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के घर की छत्त भी देवदार के दो पेड़ गिरने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। अब यह भवन रहने लायक नहीं बचा।

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मॉल रोड़ पर स्कैंडल प्वाइंट पे बनी स्टेट लाइब्रेरी भी अपनी पॉजीशन बदल चुकी है। भारी बारिश के बाद इसके गिरने का खतरा बढ़ गया है। दो दिन में शिमला में 60 से ज्यादा घर खाली करवाकर 150 परिवार दूसरी जगह शिफ्ट किए जा चुके है।

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शहर की शान माने जाते देवदार के 500 से अधिक कई पेड़ धराशायी हो गए हैं। छह साल पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आदेश में शिमला पर बढ़ते भार को लेकर प्रश्न उठाए थे।2017 में दिए आदेश में कहा था कि शिमला शहर पर क्षमता से ज्यादा भार है। भवन निर्माण व वाहनों पर नियंत्रण लगाने की जरूरत है। इसके बाद शहर की भार सहने की क्षमता तय करने के लिए कमेटी भी गठित की थी। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो पाया। इसका परिणाम यह है कि राजधानी के कई क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ और कई क्षेत्र इसकी जद में हैं।

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अंग्रेजों ने शिमला शहर 25 हजार लोगों के लिए बसाया था लेकिन अब यहां 35 हजार से ज्यादा भवन हैं व सवा दो लाख से अधिक जनसंख्या है। पर्यटन सीजन में तो जनसंख्या और अधिक हो जाती है। वाहनों का भार भी हर बढ़ रहा है।

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