IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में जूनियर प्रशिक्षुओं के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। प्रबंधन ने रैगिंग के आरोप में दो छात्राओं समेत छह वरिष्ठ प्रशिक्षुओं को हॉस्टल से छह माह और शैक्षणिक सत्र से तीन माह के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा इन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 15 सितंबर को मामला संज्ञान में आने के बाद मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच के बाद शनिवार को यह कार्रवाई की है। 12 सितंबर की रात को एमबीबीएस-2022 बैच के वरिष्ठ प्रशिक्षु देर रात को 2023 बैच के नए छात्रों के हॉस्टल में घुसे और उनसे परिचय और पूछताछ की।
इसी तरह 14 सितंबर की रात को कन्या छात्रावास में भी कुछ वरिष्ठ प्रशिक्षुओं ने यही किया। करीब 20 नए प्रशिक्षुओं के साथ रैगिंग हुई। शुक्रवार 15 सितंबर को मामला सामने आया और शनिवार को एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। जांच में छह वरिष्ठ प्रशिक्षु रैगिंग में संलिप्त पाए गए। एंटी रैगिंग कमेटी में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डीके वर्मा, डॉ. भवानी, डॉ. रवि, डॉ. रजनीश, डॉ. रेखा बंसल, डॉ. अश्वनी, डॉ. संजीव और अन्य ने अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्णय लिया। निष्कासित वरिष्ठ प्रशिक्षुओं में दो छात्राएं हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाली हैं, जबकि चार लड़कों में हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के प्रशिक्षु शामिल हैं।
मामले का पता चलने पर तुरंत एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाकर कार्रवाई की गई। किसी भी स्तर पर रैगिंग सहन नहीं होगी। – प्राचार्य डाॅ. डीके वर्मा, श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मंडी
आईआईटी मंडी में सामने आया था रैगिंग का मामला
हाल ही में आईआईटी मंडी में भी सीनियर प्रशिक्षुओं की ओर जूनियर के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। मीट एंड ग्रीट के बहाने जूनियरों की रैगिंग की थी। आईआईटी प्रबंधन ने 72 सीनियर प्रशिक्षुओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। 10 प्रशिक्षु दिसंबर 2023 तक शैक्षणिक व छात्रावास से निष्कासित हैं।