सदन के पटल पर वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए डिप्टी CM मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रखे तथ्य।
बताया,इन्वेस्टर मीट में 26 करोड़ रुपए का तंबू लगाया गया और 6 करोड़ के फुलके खा गए। बसों का किराया नहीं दिया।
IBEX NEWS,शिमला।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में सदन में वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए डिप्टी CM मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया है कि पूर्व सरकार ने चुनाव जीतने के लिए धन का जमकर दुरुपयोग किया। परिणामस्वरूप हिमाचल पर वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 92,774 करोड़ का कर्ज व देनदारी चढ़ चुकी थी।
इसमें कहा गया है कि चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने चक्रव्यूह रचा और अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल, जनमंच तथा स्थापना दिवस कार्यक्रम पर 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची की। पूर्व BJP सरकार ने चुनाव जीतने लिए 16,261 करोड़ रुपए आखिरी के कुछ महीनों में खर्च किए। साल 2017 में जब भाजपा सत्ता में आई, तो उस दौरान हिमाचल के प्रत्येक व्यक्ति पर 66 हजार रुपए का कर्ज था, जो अब बढ़कर 1 लाख 02,818 रुपए हो गया।2017 में राज्य पर 47,906 करोड़ रुपए का कर्ज था। जब BJP सरकार की सत्ता से विदाई हुई, तो कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ रुपए हो गया। सारा आर्थिक संतुलन चुनाव के वक्त बिगड़ा। जयराम सरकार ने चुनाव जीतने के लिए 16261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई।पूर्व बीजेपी सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10,600 करोड़ रुपए के संशोधित वेतन व महंगाई भत्ते का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके एरियर का भुगतान नहीं किया। 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड़ DA का पेंडिंग है। पूर्व सरकार ने 1 जनवरी 2022 में 3 फीसदी और एक जुलाई 2022 को 4 फीसदी DA की घोषणा की जो दिया नहीं गया।उधर जयराम ठाकुर ने कहा कि यह श्वेत पत्र राजनीतिक मकसद के लाया गया। इसे प्राइवेट मेंबर-डे पर इस पर चर्चा को गलत और सदस्यों के अधिकारों का हनन बताया है।