मुख्यमंत्री नेे सीमावर्ती क्षेत्रों में एकीकृत चौकियां स्थापित करने के दिए निर्देश
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन की अध्यक्षता
IBEX NEWS ,शिमला।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में तीन वर्षों बाद आयोजित प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप परियोजनाओं की समीक्षा कर इनके कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना, ई-चार्जिंग स्टेशन, राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों सहित अन्य प्रमुख योजनाओं की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को अवैध खनन रोकने के लिए ड्रोन से निगरानी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए विभिन्न स्थानों पर नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी बल दिया। साथ ही राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस, राज्य कर एवं आबकारी तथा वन विभाग के कर्मचारियों की एकीकृत चौकियां स्थापित करने के निर्देश दिए।
सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों ने अपने जिलों से सम्बन्धित विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के बारे में प्रस्तुति दी और सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
Directions were issued to crack down heavily on the illegal mining and take help of drones and CCTV cameras to monitor such activities. Instructions were also issued to create integrated police posts of the border areas with the posts of excise and taxation and forest department.
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि युवा अधिकारी नए विचार राज्य सरकार के समक्ष रखें और सरकार अपने कार्यक्रमों एवं नीतियों में इन विचारों को शामिल करेगी। उन्होंने कहा कि एक अच्छी सरकार के लिए अच्छे प्रशासन का होना आवश्यक है और निडरता, लक्ष्य निर्धारण और लगन के साथ काम करना ही प्रशासनिक क्षमताओं का परिचायक है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन समुचित प्रबन्धन पर भी ध्यान दे और अपने-अपने जिलों में ई-ऑफिस लागू करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त कार्यालय, एसडीएम ऑफिस के साथ ई-ऑफिस प्रणाली के साथ जोड़ें जाएं और सभी कार्यों का निपटारा ई-फाइल पर करना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं और पिछले 10 माह के कार्यकाल में इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में आत्मनिर्भर राज्य बनने की पूरी क्षमता है। राज्य सरकार हिमाचल के हक की लड़ाई लड़ रही है और प्रदेश के हितों को निरंतर केंद्र सरकार के समक्ष उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और अगले 10 वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने दूसरे बजट की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार पुलिस विभाग में और सुधार लाने की दिशा में भी आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए आधारभूत ढांचा भी तैयार किया जा रहा है। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
आपदा में बेहतर कार्य के लिए कुल्लू और मंडी जिला प्रशासन की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से आपदा के दौरान प्रदेश से 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने भी 48 घंटों में अस्थाई तौर पर आवश्यक सेवाओं को बहाल किया। बचाव अभियान के दौरान वह उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के संपर्क में रहे और उन्हें उचित दिशा-निर्देश देते रहे। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने स्वयं चंद्रताल में जाकर 300 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता एवं सक्रिय प्रणाली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जनसेवा के कार्य कर रही है।
इससे पहले, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले 10 माह से उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों से निरंतर संवाद कर रहे हैं। आपदा के दौरान मुख्यमंत्री स्वयं ग्राउंड जीरो पर उतरे और सशक्त नेतृत्व प्रदान किया।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने सम्मेलन में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वागत किया।
इस सम्मेलन में प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों ने भी भाग लिया।