पहाड़ी पर कितनी भी बर्फ क्यों न गिर जाए, उसमें हर समय एक महिला की आकृति बनी रहती है।लाहौल में बर्फ से ढकी इस पहाड़ी को ‘लेड़ी ऑफ केलंग’ कहते है।

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इस सीजन की ताजा बर्फबारी के बाद ये फोटो और भी गहरी उभर गई है।

IBEX NEWS,शिमला।

पहाड़ी पर कितनी भी बर्फ क्यों न गिर जाए, उसमें हर समय एक महिला की आकृति बनी रहती है।फोटो :साभार social मीडिया।

लेडी आफ केलंग,जो की एक ग्लेशियर पोंईट है, लाहौल में बर्फ से ढकी इस पहाड़ी को ‘लेड़ी ऑफ केलंग’ कहा जाता है।पहाड़ी पर कितनी भी बर्फ क्यों न गिर जाए, उसमें हर समय एक महिला की आकृति बनी रहती है।इस पहाड़ी को यह नाम 1856 में जर्मनों ने दिया था।ईसाई धर्म की प्रचारक लेडी एलिसा ने इसकी खोज की और इसे यह नाम दिया।लेडी एलिसा ने इस पहाड़ी का जिक्र अपनी किताब ‘हाउस अंडर सेवन बुद्धाज’ में भी किया है।बर्फ से ढकी इस पहाड़ी में महिला आकृति का यह नजारा केलंग से दिखाई देता है।कहा जाता है कि यहां जितनी भी बर्फ गिरती है, लेकिन बीच में महिला की आकृति पर बर्फ कभी नहीं टिकती। प्रकृति का एक अद्भुत उपहार।इस सीजन की ताजा बर्फबारी के बाद ये फोटो और भी गहरी उभर गई है। स्थानीय लोगों में भी ये पहाड़ी हर पल आकर्षण का केंद्र रहती हैं।

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