आयोजित कवि सम्मेलन में प्रदेश व जिले के कवियों ने कविताओं के माध्यम से साहित्य पर प्रकाश डाला
किन्नौर जिला में आयोजित किए जा रहे प्रथम जनजातीय साहित्य सह भ्रमण महोत्सव के दूसरे दिन साहित्यिक सत्रों का आयोजन हुआ। इसमें प्रदेश व जिला के विभिन्न साहित्यकारों द्वारा उपस्थित लोगों को प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर के साहित्य, इतिहास एवम संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
साहित्यकार एवम सेवानिवृत आईएएस आधिकारी दीपक सानन ने इस अवसर पर अपने जीवनकाल के अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर उनके लिए उनके दूसरे घर जैसा है तथा पूर्व में अपने उपायुक्त किन्नौर के पद के दौरान उन्होंने जिला किन्नौर के इतिहास के बारे में गहन अध्ययन किया। जिला की समृद्ध संस्कृति से परिचित होकर कई पुस्तकें भी लिखी। उन्होंने प्रदेश सहित जिला किन्नौर के इतिहास, संस्कृति व रीति रिवाजों से उपस्थित जनों को अवगण करवाया।
किन्नौर जिला के जंगी गांव से संबंधित सेवानिवृत्त आईएएस शरब नेगी ने अपने साहित्यिक सफर को प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश व क्षेत्र के साहित्यिक विकास में युवा पीढ़ी का एहम योगदान होता है। उन्होंने किन्नौर जिला की सांस्कृतिक विशेषताएं व चुनौतियों के बारे में सभी को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
साहित्यकार यशिका सिंघला ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का कोई भी पड़ाव हो, हमें निरंतर सीखते रहना चाहिए तथा अपनी मूल संस्कृति से हमेशा जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों व छात्रों को साहित्य से जुड़ने तथा जीवन में हर एक क्षेत्र का ज्ञान सीखने को कहा ताकि जीवन का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
सेवानिवृत आईएएस देव दत्त शर्मा ने भी इस दौरान साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला तथा प्रदेश की समृद्ध संस्कृति से उपस्थित लोगों को अवगत करवाया।
इस अवसर पर हीलिंग हिमाल्यास के संस्थापक प्रदीप सांगवान द्वारा वृत्तचित्र एक प्रस्तुत कर लोगों को उनकी संस्था द्वारा हिमालयों के रख रखाव, पर्यावरण एवम वन्यजीवों की देखभाल के लिए किए जा रहे सराहनीय कार्यों से अवगत करवाया। इस दौरान कवयित्री राजश्री राठौर ने भी अपने साहित्यिक अनुभव को सांझा किया।
जनजातीय साहित्य सह भ्रमण महोत्सव के दूसरे दिन कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमे प्रदेश व जिला किन्नौर के कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का स्वरबद्ध तरीके से बखान किया।
प्रोफैसर स्नेह लता नेगी ने अपनी कविता के माध्यम से जहां महिला सशक्तिकरण व जिला किन्नौर की संस्कृति तथा अलौकिक सौंदर्य को शब्दों की माला में पिरोहकर कार्यक्रम का समा बांधकर उपस्थित जनों को संस्कृति व रीति रिवाजों से अवगत करवाया वहीं प्रोफैसर ईशान मार्वल ने अंग्रेजी व हिंदी कविता के माध्यम से विभिन मुद्दों पर सामाजिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा कवि अजय, भगत सिंह किन्नर, राजेश पाल, जयपाल सिंह, मंजू दीप्ति, रचना नेगी, जाह्नवी नेगी, प्रभु निर्मोही, प्रदीप शर्मा, प्रिया नेगी, राम भगत व साक्षी किरण ने भी कविताएं प्रस्तुत की।
उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश द्वारा गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, राजकीय महाविद्यालय रिकांग पियो के छात्रों सहित अन्य बुद्धिजीवी उपस्थित थे।