राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को इंतकाल अदालतों में हर हाल में उपस्थित रहने की हिदायत :जगत सिंह नेगी।
पेंडिंग मामलों को निपटाने के लिए दोबारा से इंतकाल अदालतें आयोजित होगी।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में आज और कल इंतकाल (म्यूटेशन) अदालतों का आयोजन होगा। इसके तहत तहसील, उप-तहसील और बंदोबस्त सर्कल स्तर पर लंबित म्यूटेशन वैरिफिकेशन के मामलों का निपटारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के निर्देशों पर प्रदेश भर में इंतकाल अदालतों का आयोजन किया जा रहा है।राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे लेकर विभाग को सख्त दिशा-निर्देश दिए है। राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को इंतकाल अदालतों में हर हाल में उपस्थित रहने की हिदायत दी गई है।
इन दो दिनों में इंतकाल के ज्यादा से ज्यादा मामलों को निपटारा किया जाएगा। जो इंतकाल पेंडिंग रहेंगे। उन्हें निपटाने के लिए दोबारा से इंतकाल अदालतें आयोजित की जाएगी। इस दौरान निशानदेही जैसे दूसरे काम नहीं हो पाएंगे।हिमाचल में इंतकाल के 22,500 मामले लंबित बताए जा रहे हैं। इनमें कुछ इंतकाल 10 से 15 साल पुराने भी शामिल है। इन्हें आज और कल प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि गरीब लोगों को इंतकाल कराने में दिक्कतें पेश आ रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने इंतकाल अदालतें बुलाने का फैसला लिया है।जगत नेगी ने बताया कि पूर्व सरकार में ऐसे मामलों को निपटाने के लिए जनमंच का आयोजन किया। इन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन लोगों के इंतकाल जैसे काम नहीं किए गए। यही वजह है कि आज हजारों मामले इंतकाल के लंबित है। जिन लोगों ने अपनी पूरे जीवन की जमा पूंजी लगाकर प्रॉपर्टी खरीदी है, उनके इंतकाल नहीं हो पाए।इससे वह लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद मालिक नहीं बन पाए। कांग्रेस सरकार ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए इंतकाल अदालतें बुलाने का फैसला लिया है।सरकार ने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों के इंतकाल के मामले लंबित है। वह अपनी नजदीकी तहसील में आकर इंतकाल के लंबित मामलों का निपटारा कर सकते हैं। लोगों से आग्रह किया गया है कि इंतकाल के लिए वांछित दस्तावेज संबंधित पटवारी के कार्यालय में जल्द से जल्द जमा करवाना सुनिश्चित करें, ताकि समय पर इंतकाल दर्ज कर अधिकारी द्वारा तस्दीक किया जा सके।
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कांग्रेस सरकार लंबित पड़े ऐसे राजस्व मामलों को जल्द निपटाने के मकसद से कानून में भी संशोधन करने जा रही है। कानून में निशानदेही, इंतकाल जैसे मामलों में देरी के लिए पटवारी से लेकर तहसीलदार तक को जिम्मेदार ठहाराया जाएगा और कार्रवाई का प्रावधान किया जा रहा है।